लखनऊ।(BREAKING NEWS EXPRESS ) हरियाणा सरकार की पहली केबिनेट मीटिंग में ही अनुसूचित जाति आरक्षण में उप-वर्गीकरण लागू करने का निर्णय को लेकर बसपा प्रमुख मायावती ने नाराजगी भरे लहजे में प्रतिक्रिया दी है। मायावती ने कहा कि हरियाणा की सरकार ने पहली ही कैबिनेट मीटिंग में दलितों को बाटने का कुचक्र शुरू कर दिया है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए आरक्षण समाप्त करने वाला फैसला बताया.
मायावती ने कहा कि आरक्षण कोटे के भीतर कोटा की नई व्यवस्था लागू करने का फैसला दलितों को फिर से बांटने और उन्हें आपस में ही लड़ाते रहने का षड्यंत्र है। यह दलित विरोधी ही नहीं, बल्कि घोर आरक्षण विरोधी निर्णय है।उन्होंने यह वक्तव्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर दिए।
उन्होंने दूसरी पोस्ट में कहा कि वास्तव में जातिवादी पार्टियों द्वारा एससी-एसटी व ओबीसी समाज में ’फूट डालो-राज करो’ व इनके आरक्षण विरोधी षड्यंत्र आदि के विरुद्ध संघर्ष का ही नाम बीएसपी है। इन वर्गों को संगठित व एकजुट करके उन्हें शासक वर्ग बनाने का हमारा संघर्ष लगातार जारी रहेगा।”
बता दें कि इसी साल अगस्त में सीजेआई डीवाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली सात जजों की संविधान पीठ ने अनुसूचित जातियों के उपवर्गीकरण की अनुमति दी थी। जिससे अनुसूचित जातियों के भीतर अधिक पिछड़े समूहों के लिए अलग से कोटा प्रदान किया जा सके।