राजस्थान में एक गैस सिलेंडर विस्फोट के दौरान घायल होने के बाद दम तोड़ दिया
बृजेश चतुर्वेदी
कन्नौज। जिले के भखरा गांव के 30 वर्षीय युवक सौरभ पाल ने, जो अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में चयनित हुए थे, राजस्थान में एक गैस सिलेंडर विस्फोट के दौरान घायल होने के बाद दम तोड़ दिया। उनकी अचानक मौत से गांव में शोक का माहौल है।
इंदरगढ़ थाने के उमर्दा चौकी क्षेत्र के भखरा गांव के निवासी राकेश पाल के बेटे सौरभ पाल (30) का बलिदान राजस्थान में हुआ। सौरभ का चयन पिछले वर्ष अग्निवीर योजना के तहत भारतीय सेना में हुआ था। बीती शाम, वह भरतपुर स्थित आर्मी के ट्रेनिंग कैम्प में थे, जहां एक गैस सिलेंडर में आग लग गई। सिलेंडर में तेज धमाका हुआ, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के समय, सौरभ अपने साथियों के साथ खाना बना रहे थे। जब सिलेंडर में आग लगी, तो उसे बुझाने का प्रयास करते हुए वह चपेट में आ गए। उनके साथियों ने आग पर काबू पाया और तुरंत उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया। लेकिन, दुर्भाग्यवश, रात करीब 10 बजे इलाज के दौरान सौरभ ने दम तोड़ दिया।
परिवार शव लेने भरतपुर रवाना
सौरभ की मौत की सूचना मिलते ही गांव में सन्नाटा छा गया। उनके परिजन तुरंत भरतपुर के लिए रवाना हो गए हैं, जहां वे शव लेने गए हैं। शनिवार दोपहर तक सौरभ का शव गांव लाया जाएगा और अंतिम संस्कार किया जाएगा। इंदरगढ़ थानाध्यक्ष पारुल चौधरी ने इस घटना की पुष्टि करते हए बताया कि सौरभ पाल के बलिदान की जानकारी मिली है और उनके परिवार ने शव लेने के लिए भरतपुर का रुख किया है।
मां का निधन लगभग 8 साल पहले हो चुका था
सौरभ के परिवार में उनके पिता राकेश पाल, छोटा भाई उत्कर्ष उर्फ गोलू और दो बहनें हैं। सौरभ की मां का निधन लगभग 8 साल पहले हो चुका था। इसके बाद से पिता ने अपने चारों बच्चों का पालन-पोषण अकेले ही किया। सौरभ के बलिदान की खबर सुनकर परिवार के लोग बदहवास हो गए हैं। उनके गांव में शोक की लहर है और सभी सौरभ के बलिदान को सलाम कर रहे हैं।