संभल में हुई हिंसा सरकार की लापरवाही और बदनीयती का परिणाम- अजय राय
लखनऊ,(BNE) जनपद संभल में उ0प्र0 सरकार की लापरवाही, अक्षमता और बदनियती से हिंसा भड़क उठी जिसमें पांच युवाओं की पुलिस द्वारा फायरिंग में मौत हो गई। एक तरफ सरकार अपने दायित्वों का निर्वहन करने में असफल रही और दूसरी तरफ तानाशाही रवैया अपनाते हुए कांग्रेस नेताओं को मृतकों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त करने जाने से रोकने का हर आलोकतांत्रिक हथकंडा अपना रही है।
कांग्रेस पार्टी का संवैधानिक अधिकार है कि वह जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं और मुद्दों सुने और सदन में उठाये। मगर योगी सरकार को इस बात का भय है कि कांग्रेस नेताओं के संभल जाने से सच बाहर आ जायेगा और वह बेनकाब हो जायेगी।
24 नवंबर की घटना के बाद कांग्रेस पार्टी ने यह एलान किया था कि हम पीड़ित परिवारों से मिलने के लिए आगामी 02 दिसंबर को जनपद संभल जायेंगे। क्योंकि सरकार द्वारा 30 नवंबर तक विपक्षी नेताओं के संभल जाने पर रोक लगा दी थी। मगर अचानक 29 तारीख को इस रोक को बढ़ाकर 10 दिसंबर 2024 कर दिया गया है। इससे एक बात आईने की तरह साफ हो गई है कि संभल में कुछ ऐसा जरूर है जिसे सरकार बाहर नहीं आने देना चाहती, मगर कांग्रेस पार्टी प्रतिबद्ध हैं जनता की आवाज बनने के लिए।
कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व मंत्री अजय राय जी के नेतृत्व में दिनांक 02 दिसंबर 2024 को जनपद संभल पहुंचकर हिंसा में मृतकों के परिजनों से मिलकर संवेदना व्यक्त करने तथा घटना की वस्तुस्थिति की जानकारी प्राप्त करने के उद्देश्य से जनपद संभल जाना था। मगर प्रदेश की योगी सरकार द्वारा एक दिन पूर्व ही शाम को प्रतिनिधिमंडल के सदस्य- नेता कांग्रेस विधानमंडल दल आराधना मिश्रा मोना एवं पूर्व मंत्री नसीमुद्दीन सिद्दीकी सहित प्रदेश के प्रमुख नेताओं को हाउस अरेस्ट कर लिया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय जी ने 1 तारीख की शाम को ही आकर प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय पर रुक गये और यहीं से उन्होंने संभल जाने की घोषणा कर दी। पूरी रात प्रदेश अध्यक्ष स्वयं संभल जाने की तैयारियों का जायजा लेते रहे मगर जैसा इस कायर सरकार से अपेक्षित था वैसा ही हुआ और कांग्रेस मुख्यालय को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया।
अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मंत्री श्री राय जी तथा पूर्व सांसद पी0एल0 पुनिया जी दल-बल के साथ बाहर निकले जहां पुलिस ने उन्हें बलपूर्वक रोकने का प्रयास किया जिस दौरान कांग्रेसजनों एवं पुलिस प्रशासन के बीच धक्का-मुक्की के साथ तीखी नोकझोंक भी हुई। तद्पश्चात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री अजय राय कांग्रेस मुख्यालय के मुख्य द्वार से बाहर निकलकर रोड पर धरने पर बैठ गये। पुलिस प्रशासन ने अपनी ताकत का बेजा प्रयोग करते हुए अंततः कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को जनपद संभल जाने से रोक दिया।
मौके पर उपस्थित मीडिया बन्धुओं से बात करते हुए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व मंत्री श्री अजय राय ने कहा कि हम प्रतिबद्ध हैं संभल जाने के लिए और अगर सरकार ने अपनी हठ धर्मिता नहीं छोंड़ी तो हम पूरे प्रदेश में आंदोलन करने के लिए बाध्य होंगे।
आज के कार्यक्रम में पूर्व सांसद पी0एल0 पुनिया, पूर्व एमएलसी दीपक सिंह, प्रदेश कांग्रेस कोषाध्यक्ष शिव पाण्डेय, प्रदेश उपाध्यक्ष, प्रभारी प्रशासन दिनेश सिंह, प्रदेश महासचिव प्रभारी संगठन अनिल यादव, महासचिव मुकेश सिंह चौहान, अरशद खुर्शीद, सेवा दल कांग्रेस के मुख्य संगठक डॉ0 प्रमोद पाण्डये, मनोज यादव, मनीष श्रीवास्तव हिंदवी, मोहम्मद शमीम खान, कैप्टन बंशीधर मिश्रा, पुष्पेन्द्र श्रीवास्तव, कृपाशंकर मिश्रा, सुशील तिवारी सोनू पंडित, जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष वेद प्रकाश त्रिपाठी, शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित श्रीवास्तव त्यागी, डॉक्टर शहजाद आलम, वरिष्ठ कांग्रेस नेता द्विजेन्द्र त्रिपाठी, वीरेन्द्र मदान, संजय दीक्षित, ओंकारनाथ सिंह, सिद्धार्थप्रिय श्रीवास्तव, ललन कुमार, अमरनाथ अग्रवाल, संपूर्णानंद मिश्रा, संजय सिंह, राजेश सिंह काली, सुशीला शर्मा अनामिका यादव, शरद शुक्ला, रुद्र दमन सिंह, जैनब खान, मनोज तिवारी, विनोद राय, विजय सक्सेना, रामबरन गौतम, योगेश्वर सिंह, मेहताब जायसी शिफा खान, अनिल शुक्ला, अजमत उल्ला, केडी शुक्ला, श्रीमती किश्वर जहां, चौधरी सलमान, आर्यन मिश्रा, ओमप्रकाश दुबे राजू सैनी, डॉक्टर अमित कुमार राय, हम्माम वाहिद, डॉक्टर श्रवण गुप्ता, वाशीउल्लाह खान, अरविंद बहादुर सिंह, शाहिद अली, सुरेश पाल, सीमा चौधरी, सुनीता रावत, नावेद नकवी, गोविंद सिंह, बृजेश सिंह, आलोक सिंह रैकवार, सोमविकल चिंतामणि, नितान्त सिंह, अनीस अख्तर मोदी, जितेन्द्र कुमार वर्मा, अजय शर्मा, डॉ अजय शुक्ला, अजीत मौर्य, रविंद्र पटेल, किरण शर्मा, राधेश्याम त्रिपाठी, आदि भारी संख्या में कांग्रेसजन मौजूद रहे।