कुछ लोग नये मुद्दे उठा कर समाज मे तनाव पैदा कर हिंदुओं का नेता बनना चाहते-भागवत
अयोध्या में बोले योगी -काशी, मथुरा, संभल तो कभी भोज में मंदिरों को तोड़ा गया, सनातन ही राष्ट्रीय धर्म
मनोज श्रीवास्तव/लखनऊ। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर संघचालक मोहन भागवत के वक्तव्य “राम मंदिर बना क्योंकि वो हिंदुओं की आस्था का मामला था।लेकिन अब रोज एक नया मामला उठाया जा रहा है।कुछ लोग सोचते हैं कि नए मुद्दे उठाकर वो हिंदुओं के नेता बन जाएंगे। तो यह सब नहीं चलेगा”। उनके बयान से कथित सेक्युलर और मंदिर विरोधी लोगों के हाथ एक नया वैचारिक कुतर्क का हथियार मिल गया। इस मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सनातन और हिंदुत्व को लेकर जोरदार हुंकार किया है। जिसके बाद वर्षों दबे, डरे हिंदुओं के आत्मबल में नयी ऊर्जा का संचार कर दिया।
मोहन भागवत ने मंदिर को लेकर जहां नये मुद्दे न उठाने का संदेश दे रहे हैं वहीं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विरासत को विस्मृत कर हम भौतिक विकास को नहीं बनाए रख सकते। विरासत और भौतिक विकास का समन्वय होना चाहिए। भारत की परंपरा इष्ट देवों, धर्म स्थलों, मान बिंदुओं से है। इन मूल्यों को याद कर आगे बढ़ेंगे तो भारत बना रहेगा। पीएम मोदी के नेतृत्व में नया भारत विकसित भारत के रूप में आगे बढ़ रहा है। योगी ने कहा कि विश्व मानवता को बचाना है तो सनातन धर्म को सुरक्षित रखना होगा। सनातन धर्म सुरक्षित है तो सब सुरक्षित हैं।यह कोई मत, मजहब नहीं है। इसमें सबके कल्याण की बात की गई हो। सनातन धर्म में वसुदेव कुटुंबकम की बात कही गई है। दुनिया के हर जाति, मत, मजहब, संप्रदाय के लोगों को विपत्ति के समय सनातन धर्म ने शरण दिया।लेकिन, आज दुनिया में हिंदुओं के साथ क्या हो रहा है? बांग्लादेश में क्या हो रहा है? हम सभी देख रहे हैं। पाकिस्तान-अफगानिस्तान में पहले क्या हुआ?
योगी ने कहा कि कभी काशी विश्वनाथ तो कभी राम जन्मभूमि, मथुरा, संभल, हरिहर भूमि तो कभी भोज में मंदिरों को नष्ट किया जाता है, तोड़ा जाता है, अपवित्र किया जाता है। जिन्होंने अपवित्र किया मंदिरों को उनके कुल वंश नष्ट हुए। दुनिया के अंदर विश्व शांति की स्थापना करना है तो सनातन धर्म ही कर सकता है। भारत के अंदर सनातन धर्म ही राष्ट्रीय धर्म है। इसकी रक्षा संरक्षण के लिए हम सबको मिलकर कार्य करना होगा।
योगी ने कहा कि अशर्फी भवन सैकड़ों वर्षों से अपनी परंपरा के लिए जाना जाता है। मंदिर आंदोलन को यज्ञ मानकर धार्मिक पीठों ने सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचाया, जिसका परिणाम आज सबके सामने है। पांच फरवरी 2020 को पीएम मोदी के हाथों राम मंदिर की आधारशिला रखी गई, जबकि 22 जनवरी 2024 को रामलला भव्य मंदिर में विराजमान हो गए हैं। कौन ऐसा रहा होगा जिसकी आंखों में श्रद्धा के आंसू ना आए रहे हों। सीएम ने कहा कि काशी, अयोध्या में त्रेता युग की स्मृतियां जीवंत हो रही है। रामलला का आगमन हो गया है।
यहां से निकलकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरयू अतिथि गृह पहुंचे हैं। यहां समीक्षा बैठक कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार सीएम महाकुंभ और रामलला के प्राण प्रतिष्ठा के वर्षगांठ महोत्सव के साथ मिल्कीपुर उपचुनाव को लेकर जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक करके चर्चा किये।योगी आदित्यनाथ ने अशर्फी भवन के पास मंडप में आयोजित पंच नारायण महायज्ञ में आहुति अर्पित की। इस मौके पर सीएम ने कहा कि श्रीहरि की कृपा से यह सृष्टि संचालित है। अयोध्या धाम त्रेतायुग की अवधारणा को जिंदा कर रहा है। विश्व मानवता को बचाना है तो सनातन धर्म को सुरक्षित रखना होगा।