स्नान से मिलता है सकारात्मक ऊर्जा का संचार और शांति का आशीर्वाद
नई दिल्ली। हिंदू धर्म में भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा का विशेष महत्व है। मान्यता है कि लड्डू गोपाल को घर में स्थापित करने से सुख-समृद्धि, शांति और ऐश्वर्य का वास होता है। वहीं, उनकी सेवा और पूजा के विशेष नियमों का पालन करना भी जरूरी माना जाता है। इनमें से एक महत्वपूर्ण नियम है लड्डू गोपाल को नियमित स्नान कराना।
धार्मिक ग्रंथों के अनुसार, भगवान की मूर्ति को स्नान कराना उनकी पवित्रता बनाए रखने और नकारात्मक ऊर्जा का नाश करने का प्रतीक है। ज्योतिष शास्त्र भी इस प्रक्रिया को शुभ फलदायी मानता है। स्नान के बाद लड्डू गोपाल का श्रृंगार करना और उनकी पूजा करना भक्त और भगवान के बीच प्रेम और समर्पण को दर्शाता है।
क्या है स्नान कराने का महत्व?
भगवान को स्नान कराने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और पूजा स्थल पवित्र रहता है। मान्यता है कि स्नान के बाद लड्डू गोपाल की उपस्थिति और भी प्रभावशाली हो जाती है, जिससे जीवन में शांति और समृद्धि आती है।
स्नान के लिए गंगाजल, पंचामृत या तुलसी मिश्रित जल का उपयोग करना चाहिए। इससे भगवान प्रसन्न होते हैं और भक्तों की सभी इच्छाएं पूरी होती हैं।
स्नान के लाभ और ज्योतिषीय दृष्टिकोण
लड्डू गोपाल को स्नान कराने से कुंडली के दोष कम होते हैं।
घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सुख-शांति का वास होता है।
यह आध्यात्मिक उन्नति का मार्ग प्रशस्त करता है और मन को शुद्ध करता है।
यदि नियमित स्नान संभव न हो, तो गंगाजल छिड़ककर या मूर्ति को स्वच्छ कपड़े से पोंछकर भी पूजा की जा सकती है।