*महाकुम्भ-2025 में तैयारियों को लेकर जतायी प्रसन्नता, कहा- डबल इंजन की सरकार ने महाकुम्भ में सनातन के शाश्वत सत्य स्वरूप का किया संरक्षण*
*पीएम मोदी के ‘एकता के महायज्ञ’ पर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने स्वच्छ, स्वस्थ व डिजिटल महाकुम्भ को साकार करने में स्वयंसेवी संस्थाओं का किया आह्वान*
*बांग्लादेश और अन्य देशों में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार की कड़ी निंदा कर की एकजुट होने की अपील, कहा- पूरी दुनिया में महाशक्ति बनकर उभर रहा भारत*
Swami Avdheshanand Giri:*महाकुम्भनगर, (BNE) ‘सनातन संरक्षण की धर्मध्वजा को धारण करने वाले योगी आदित्यनाथ सही मायनों में सनातन का सूर्य हैं। वह सनातन के संरक्षण के दायित्वों को निभाते हुए नित्य ऐसे प्रतिमान स्थापित कर रहे हैं जो किसी अन्य के क्षमता से परे है।‘ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में महाकुम्भ-2025 के आयोजन को लेकर तीर्थराज प्रयागराज में चल रही तैयारियों को लेकर प्रसन्नता जताते हुए श्री पंचदशनाम जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरी ने डबल इंजन के प्रयासों की भी प्रशंसा की। उन्होंने ‘महाकुम्भ को एकता का महायज्ञ’ बनाने के पीएम मोदी के आह्वान की भी प्रशंसा की और महाकुम्भ को स्वच्छ, स्वस्थ, हरित, डिजिटल व प्लास्टिक फ्री बनाने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को सफल बनाने के लिए देश के प्रत्येक गांव से लोगों को जुड़कर लाभ उठाना चाहिए तथा स्थानीय प्रशासन के साथ ही स्वयंसेवी संगठनों और तीर्थयात्रियों को खुद भी आगे आकर स्वच्छता व धर्मार्थ कार्यों में प्रतिभाग करना चाहिए। Swami Avdheshanand Giri:
*2019 में मिली कुम्भ को वास्तविक पहचान, 2025 महाकुम्भ गढ़ेगा नए प्रतिमान*Swami Avdheshanand Giri:
स्वामी अवधेशानंद गिरी ने 2017 में प्रदेश में सीएम योगी की सरकार बनने के बाद 2019 में प्रयागराज में हुए कुम्भ के सफल आयोजन की प्रशंसा करते हुए महाकुम्भ 2025 के भव्य और दिव्य होने की आशा जताई। उन्होंने कहा कि यूं तो कुम्भ शताब्दियों से विचारों के आदान-प्रदान, विद्वानों के संगम और समस्त सनातनी शक्तियों की एकजुटता का केंद्र रहा है और धर्मसत्ता समेत देश की भी दशा-दिशा तय करने में इसका महत्वपूर्ण योगदान रहा है। पहले शास्त्रार्थ विधि से विमर्श होता था, आज के आधुनिक स्वरूप की मांग के अनुसार अब अन्य प्रक्रियाओं ने भी जगह ले ली है। मुगल-अंग्रेज शासन व सनातन मूल्यों के प्रति उदासीन सरकारों के शासनकाल में भी कुम्भ के आयोजन हुए मगर, 2019 कुम्भ ने सनातन के सत्य-शाश्वत स्वरूप को पहली बार पूरी दुनिया में सही मायनों में प्रदर्शित किया। मौजूदा महाकुम्भ इसमें एक कड़ी आगे बढ़कर सफलता के नए प्रतिमानों को स्थापित करने वाला सिद्ध होने जा रहा है।
*बांग्लादेश कृतघ्न राष्ट्र, एकता ही हिन्दू व सनातन हितों के रक्षण का बनेगा माध्यम*Swami Avdheshanand Giri:
बांग्लादेश में जारी सियासी उठापटक के बीच हिंदुओं को निशाना बनाए जाने की घटनाओं की भर्त्सना करते हुए स्वामी अवधेशानंद गिरी ने बांग्लादेश को कृतघ्न राष्ट्र करार दिया। उन्होंने कहा कि पूरे विश्व में सनातन व हिंदू हितों के विरुद्ध हो रहे षड़यंत्रों के खिलाफ एकता ही एकमात्र विकल्प है। वैश्विक पटल पर विश्वगुरू तथा महाशक्ति के तौर पर भारत के अरुणोदय को लेकर श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि वह दिन बीत गए जब वैश्विक ताकतें भारत को पिछली पंक्ति में खड़ा पाती थीं, आज भारत की आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और सामरिक शक्ति उसे दुनिया का सशक्त राष्ट्र बना रही हैं और यही कारण है कि सकल विश्व आज भारत को समझना चाहता है। चाहे रूस-यूक्रेन युद्ध हो या फिर इजरायल-फिलीस्तीन विवाद, भारत ने हमेशा अपनी इंडिया फर्स्ट की सशक्त विदेश नीति का पालन करते हुए न केवल राष्ट्रहित बल्कि मानवता के हित को भी ध्यान में रखा। यही कारण है कि भारत आज वैश्विक सत्ता के नए केंद्र के रूप में अपनी पहचान पुख्ता कर रहा है और सकल विश्व में सनातन, हिंदू व मानवता के मानकों को स्थापित करने वाली शक्ति के तौर पर प्रतिबिंबित हो रहा है।
*महाकुम्भ को सफल बनाने का किया आह्वान*Swami Avdheshanand Giri:
स्वामी अवधेशानंद गिरि ने महाकुम्भ को स्वच्छ, स्वस्थ, हरित व डिजिटल बनाने के लिए स्वयंसेवी संस्थाओं और श्रद्धालुओं से स्थानीय प्रशासन की मदद करने की अपील की। उन्होंने कहा…
-प्लास्टिक का इस्तेमाल कतई न करें और यह सुनिश्चित करें कि घाटों व नदियों में यह किसी हाल में न जाए।
-स्वच्छता का विशेष ध्यान रखें, अपने कपड़े-झोला, कूड़ा इत्यादि घाटों पर न छोड़ें। पवित्र स्नान पुण्य अर्जन का विषय है, मगर गंदगी करके आप महापाप का भागी न बनें।
-महाकुम्भ अवधि में सकल तीर्थ तीर्थराज प्रयागराज में घाटों किनारे आ जाते हैं, तथा यहां अदृष्य रूप में समस्त सकारात्मक शक्तियां पूजन-अर्चन व अनुष्ठान करती हैं। ऐसे में, कल्पवास के नियमों का पालन कर खुद का जीवन धन्य करें।
-भारतीय हैं, हिन्दू हैं तो ऐसे ही दिखने भी चाहिए। वेशभूषा सनातनी मान्यताओं के अनुरूप ही रखें। शिखा, तिलक, कलावा, यज्ञोपवीत आदि धारण करें और नियमों का प्रतिदिन पालन करें।
-पीएम मोदी के एकता के महायज्ञ के आह्वान को साकार करने के लिए प्रत्येक गांव से श्रद्धालुओं को महाकुम्भ में आना चाहिए। जात-पात, वर्ण-भाषा व क्षेत्र के भेद भुलाकर हिन्दु व राष्ट्र प्रथम की भावना का पालन करें।
-स्थानीय प्रशासन के साथ ही स्वयंसेवी संस्थाओं व श्रद्धालु खुद आगे आकर धर्मार्थ कार्यों को बढ़ावा दें।
-गुप्तदान, गौसेवा, संत सेवा व सानिध्य, भजन-कीर्तन व निःशक्तों की सेवा करें। भंडारों समेत धर्मार्थ कार्यों का आयोजन करें व इनमें भागीदार बनें।
-सारे मेलाक्षेत्र को ही संगम क्षेत्र समझें, जरूरी नहीं है कि संगम नोज पर ही स्नान करें। भीड़भाड़ से बचें, गंगा नदी में स्नान करते वक्त सुरक्षा व स्वच्छता के नियमों का पालन करें।
-व्यसन मुक्त, सात्विक, आध्यात्मिक व सदगुणी जीवनशैली अपनाएं। प्रातःकालीन सूर्य का नित्य दर्शन कर जल अर्पित करें।
-प्रकृति के समीप रहें, भूमि, देहरी, कुलदेवी-देवता, ईष्ट देवी-देवता व पितृकुल की नित्य अराधना करें। त्रिकाल संध्या वंदन को अपनी दैनिक चर्या का अभिन्न अंग बनायें।
*विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का होगा आयोजन*Swami Avdheshanand Giri:
उन्होंने आगे कहा कि 6 जनवरी को कैम्प में उनकी कथा का आयोजन किया जाएगा तथा विविध प्रकार के धार्मिक, आध्यात्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत सबसे पहले श्री पंचदशनाम जूना अखाड़ा द्वारा की जाएगी। अखाड़े द्वारा महाकुम्भ में आने वाले श्रद्धालुओं तथा सकल विश्व से आने वाले डिग्निट्रीज के दर्शन-पूजन समेत विभिन्न प्रकार की सुविधाओं व व्यवस्थाओं का उचित प्रबंध कर भव्य आवभगत की तैयारी की जा रही है।Swami Avdheshanand Giri: