शिव के उग्र रूप की पूजा भारत और अन्य देशों में, जानिए प्रमुख मंदिरों का महत्व
भगवान शिव के अनेक रूपों में से एक उग्र और रौद्र स्वरूप काल भैरव का है। शिव पुराण के अनुसार, काल भैरव का अर्थ है “भय को हरने वाला।” धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, काल भैरव ने ब्रह्मदेव के पांचवे सिर को काटने के पाप से मुक्त होने के लिए काशी में प्रवेश किया था। तब से काल भैरव को “काशी का कोतवाल” माना जाता है। आइए जानते हैं उनके कुछ प्रमुख मंदिरों के बारे में।
1. काल भैरव मंदिर, उज्जैन
मध्यप्रदेश के उज्जैन में स्थित यह मंदिर अष्ट भैरव में से प्रमुख है। यह राजा भद्रसेन द्वारा शिप्रा नदी के किनारे बनवाया गया था। धार्मिक मान्यता है कि काशी में प्रवेश से पहले भक्त काल भैरव के दर्शन कर उनकी अनुमति लेते हैं।
2. आनंद भैरव मंदिर, हरिद्वार
हरिद्वार में स्थित यह मंदिर भगवान शिव के आनंदमयी रूप को समर्पित है। यहां श्रद्धालु अपनी परेशानियां लेकर आते हैं और भगवान आनंद भैरव उनकी बाधाओं को दूर करते हैं।
3. बाजनामठ भैरव मंदिर, जबलपुर
यह मंदिर तंत्र साधना और विशेष हवन के लिए प्रसिद्ध है। कहा जाता है कि यहां हवन के दौरान अग्नि में देवी-देवताओं की आकृतियां उभरती हैं।
4. राजा बटुक भैरव मंदिर, लखनऊ
लखनऊ के कैसरबाग में स्थित इस मंदिर का इतिहास सैकड़ों साल पुराना है। यहां मन्नतें संगीत, साधना और कला से जुड़ी होती हैं।
भगवान काल भैरव के इन प्रसिद्ध मंदिरों के दर्शन से भक्तों को उनके कष्टों से मुक्ति और जीवन में सुख-शांति मिलती है।