(BNE -डेस्क) भारत देश की संस्कृति ही इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाता है। यहाँ की सांस्कृतिक धरोहर ही विदेशी लोगों को बेहद कर्षित करती है। उस पर भी अगर हम आध्यात्मिक पर्यटन की बात करें तो दुनिया में एकलौता देश भारत ही होगा ,जहाँ कुम्भ मेला जैसा भव्य ,विशाल एवं अनुपम छटा लिए कोई आयोजन होता हो।आपको बता दें, कि भारत में 4 विभिन्न धार्मिक स्थलों पर हर 12 साल के अंतराल में कुम्भ मेला आयोजित किया जाता है। कुम्भ महोत्सव लोगों को आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और व्यक्तिगत कारणों से आकर्षित करता है. . प्रयागराज में 13 जनवरी पौष पूर्णिमा-स्नान से शुरू हो रहे महाकुंभ के उन आकर्षण के बारे में जानते है जिसे देखने इस बार लाखों विदेशी श्रद्धालुओं के यहां आने की खबर है.आखिर ये विदेशी श्रद्धालु यहाँ क्यों खींचे चले आते है ,ये जानने की कोशिश करते है।
महाकुंभ- इस कामना की पूर्ति के लिए श्रद्धालु आते हैं Foreign devotees are coming to this Maha Kumbh
दुनिया भर के तीर्थयात्रियों का मानना है कि कुंभ के दौरान पवित्र त्रिवेणी में डुबकी लगाने से उनके जाने-अनजाने में हुए पापों से मुक्ति मिल सकती है, उनकी आत्मा शुद्ध हो सकती है. इसी कामना की पूर्ति के लिए लोग महाकुंभ में आते हैं.
एकता की अपार भावना
महाकुंभ मेले में, विभिन्न पृष्ठभूमियों, संस्कृतियों एवं धर्मों के करोड़ों श्रद्धालु एक समान उद्देश्य के साथ यहां आते हैं. एकता की यह भावना बहुत ही प्रेरक है, खासकर विदेशियों के लिए, जो इसे सांप्रदायिक सद्भाव और भाईचारे की सच्ची भावना को देखने का एक दुर्लभ अवसर मानते हैं.Foreign devotees are coming to this Maha Kumbh
विश्व के सबसे बड़े मेले का साक्षी होना
प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ मेला विश्व का सबसे बड़ा शांतिपूर्ण आयोजन होने का खिताब रखता है, जिसमें एक समय में लाखों लोग एक साथ जुड़ते हैं. विदेशी पर्यटक एवं श्रद्धालु इस महा मेला का साक्षी बन कर गौरवान्वित होते हैं. इस ऐतिहासिक घटना को प्रत्यक्ष देखने के लिए बहुत से विदेश लाखों रुपये खर्च कर इसका हिस्सा बनते हैं.Foreign devotees are coming to this Maha Kumbh
मठाधीशों एवं संत-साधुओं से मुलाकात
कुंभ मेले का एक मुख्य आकर्षण भारत के प्रतिष्ठित अखाड़ा के संत-साधुओं, मठाधीशों आदि से मिलने और बातचीत करने का अवसर है. तमाम देशी-विदेशी पर्यटक इन प्रबुद्ध व्यक्तियों से मार्गदर्शन लेने या कार्यक्रम के दौरान होने वाले आध्यात्मिक प्रवचनों में भाग लेने के लिए पहुंचते हैं.Foreign devotees are coming to this Maha Kumbh
उत्कृष्ट सांस्कृतिक अनुभव
महाकुंभ मेला सिर्फ आध्यात्मिकता के बारे में नहीं है, बल्कि भारतीय संस्कृति का जीवंत उत्सव भी है. मेहमान पर्यटक यहां के प्राचीन अनुष्ठानों, पारंपरिक संगीत और नृत्य प्रदर्शनों के साथ-साथ साधु-संतों द्वारा आयोजित विस्तृत समारोह भी देख सकते हैं. महाकुंभ प्रयागराज के सदियों पुराने इतिहास और परंपराओं से समृद्ध संस्कृति की एक दुर्लभ झलक प्रस्तुत करता है.Foreign devotees are coming to this Maha Kumbh
प्रचुर ऊर्जा और जीवंतता
महाकुंभ मेले का माहौल ऊर्जा और उत्साह से भरा-पूरा होता है. लाखों तीर्थयात्रियों की ‘हर हर गंगे’ की गूंज, हवन-यज्ञों, ढोल-ताशों एवं मंत्रों का संगीत और पारंपरिक कपड़ों के जीवंत रंग एक अविस्मरणीय संवेदी अनुभव पैदा करते हैं. विदेशियों के लिए यह पर्व की ऊर्जा और जीवंतता एक आकर्षण है. वे इस भव्य तमाशे में खुद को डुबो देना चाहते हैं.Foreign devotees are coming to this Maha Kumbh
शैक्षिक अनुभव
भारतीय दर्शन, आध्यात्मिकता और धर्म में रुचि रखने वाले विदेशियों के लिए, महाकुंभ एक गहन शैक्षिक अनुभव के रूप में कार्य करता है. यह पर्व सनातन धर्म, ध्यान प्रथाओं और प्राचीन भारतीय अनुष्ठानों के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिसे तमाम विदेशी समझना और सीखना चाहते हैं.Foreign devotees are coming to this Maha Kumbh