इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि जब बड़े लोग छोटे लोगों की उंगली पकड़ेंगे, तभी देश प्रगति कर सकता है। उन्होंने कहा कि देश की आधी आबादी, यानी महिलाएं अपने घरों से बाहर निकलकर जब पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर संयुक्त प्रयास करेंगी तभी देश की तरक्की होगी।
राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की सोच को साझा करते हुए कहा कि आज महिलाएं सेना में हवाई जहाज उड़ा रही हैं, जो प्रधानमंत्री जी की दूरदर्शिता का परिणाम है। राज्यपाल जी ने सभी हस्तशिल्पी व कारीगरों को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके द्वारा विविध परिस्थितियों में विविध स्थलों पर जाकर प्रदर्शनी को लगाया जाना व अपने उत्पादों का विक्रय कराना एक सराहनीय प्रयास है। इस क्रम में उन्होंने असम राज्य के हालिया अनुभव के बारे में बताते हुए वहाँ की बांस कला की सराहना की।
राज्यपाल जी ने हस्तशिल्पियों एवं कारीगरों हेतु एक ऐसे विश्वविद्यालय की कल्पना की जहाँ अनपढ़ हुनरमंद कारीगरों का भी नामांकन हो सके और उन्हें प्रमाण-पत्र प्राप्त हो सकें। राज्यपाल जी ने कहा कि विश्वविद्यालयों द्वारा ऐसे हुनरमंद कारीगरों को डिजाइन देने का कार्य करना चाहिए और इन्हें अच्छी चीज बनाए जाने हेतु प्रोत्साहित करना चाहिए। इन्होंने इस प्रकार के कार्यों को विश्वविद्यालय द्वारा गोद लिए गांव में क्रियान्वित किए जाने हेतु कहा।
इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने क्राफ्टरूट्स के प्लेटफार्म की सराहना करते हुए कहा की ये कारीगर काफी गहनता व बारीकी से अपने उत्पाद तैयार करते हैं, जिसमे काफी समय लगता है। इन उत्पादों के बारे में हमें जानना चाहिए तथा उसे अपने जीवन का हिस्सा बनाना चाहिए। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की संकल्पना एक भारत श्रेष्ठ भारत की चर्चा करते हुए कहा कि जब अलग-अलग राज्य के नागरिक एक दूसरे से मिलेंगे तो यह संकल्पना साकार होगी और क्राफ्टरूट्स में विविध राज्यों के कारीगर इस संकल्पना को मूर्त रूप दे रहे हैं।
इस अवसर पर प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता ‘नन्दी‘ ने स्थानीय शिल्प को बढ़ावा देने, संस्कृति और परम्परा को संरक्षित करने के लिए प्रदर्शनी के आयोजन पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि देश के कोने-कोने एवं छोटे-छोटे गांव से आए कारीगरों के द्वारा प्रदर्शनी के माध्यम से पूरे भारत का प्रतिनिधित्व यहां दिखाई पड़ रहा है।
इस अवसर पर क्राफ्टरूट्स संस्था की अध्यक्ष अनारबेन पटेल ने संस्था के उद्देश्यों और कार्यों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि क्राफ्टरूट्स पिछले 25 वर्षों से भारत भर में कारीगरों की मदद कर रहा है और अब तक 77 प्रदर्शनी आयोजित कर चुका है। उन्होंने इसे गांव की कला बताया तथा संस्था का मुख्य उद्देश्य कारीगरों को उनके उत्पादों का विक्रय मंच उपलब्ध कराना और उनकी कला का संरक्षण करना बताया।
राज्यपाल जी द्वारा प्रदर्शनी का अवलोकन भी किया गया और कारीगरों को प्रोत्साहित किया गया। प्रदर्शनी में स्टोन वर्क, काष्ठ कला, धातु की प्रतिमा, शॉल, साड़ी, श्रृंगार सामग्री, आदि के स्टालों पर कारीगरों ने अपने उत्पादों का प्रदर्शन किया। खासतौर पर स्टोन वर्क के कार्य आकर्षण का केंद्र रहे, जिन्हें हाल ही में आई0आई0टी0 कानपुर के साथ मिलकर कोर्स पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया गया है। इस अवसर पर क्राफ्टरूट संस्था हेतु श्री कुलदीप सिंह द्वारा रचित कविता भी प्रस्तुत की गई।
इस अवसर पर विधायक राजेश्वर सिंह, उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता सिंह चौहान, समाजसेवी राजेश दयाल, अपर मुख्य सचिव डॉ0 सुधीर महादेव बोबडे, विश्वविद्यालयों के कुलपतिगण, व्यापारीगण, राजभवन के अधिकारी और विश्वविद्यालयों के अध्यापकगण आदि उपस्थित रहे।