इस अवसर पर राज्यपाल ने अपने सम्बोधन में कहा कि कानपुर नगर के औद्योगिक जगत, शिक्षा जगत के वरिष्ठ लोग व समाज सेवी संस्थानों एवं देश भर के निपुण कारीगरों की उपस्थिति में क्राफ्टरूट्स प्रदर्शनी लगायी गयी है, इसके लिये सभी बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि देश की लुप्त होती कलाओं का संरक्षण और भारतीय संस्कृति की धरोहर को पुनर्जीवत करना हमारा दायित्व है। इस प्रकार के आयोजन न केवल रोजगार सृजन में सहायक होंगे बल्कि भारतीय संस्कृति को अक्षुण्य बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
उन्होंने कहा कि सभी को इन कलाओं से जुड़े हुये कारीगरों को प्रोत्साहित करना चाहिये। नयी पीढ़ी भी इन कलाओं से प्रेरित होकर इनकी ओर आकर्षित हो रही है। इसी क्रम में आज कानपुर हस्तकला को ग्लोबल मार्केट तक पहुँचाने तथा टेक्निकल सर्पोट के लिए आई0आई0टी0 कानपुर एवं क्राफ्टरूट्स संस्था के बीच एम0ओ0यू0 पर हस्ताक्षर किया गया है।
प्रदर्शनी में भुज गाँव की महिलाओं द्वारा तैयार की गई हाथ से बनी साड़ियाँ, मलबरी सिल्क की साड़ियाँ, घास से बने उत्पाद, अफगानी ज्वैलरी आदि मुख्य आकर्षण का केन्द्र रहे।
इस अवसर पर क्राफ्टरूट्स संस्था की ट्रस्टी अनारबेन पटेल, विभिन्न विश्वविद्यालयों के कुलपति, जिलाधिकारी कानपुर नगर राकेश कुमार सिंह, मुख्य विकास अधिकारी दीक्षा जैन अन्य महानुभाव तथा विभिन्न कलाओं से जुड़े कारीगर आदि उपस्थित रहे।