बृजेश चतुर्वेदी/BREAKING NEWS EXPRESS
कन्नौज। विचाराधीन बदियों की पुनरावलोकन समिति ने-04 विचाराधीन बदियों की रिहायी हेतु कार्यवाही किये जाने हेतु प्राधिकरण को निर्देशित किया। सम्प्रेक्षण गृह में निरूद्ध तीन किशोर आपचारियों की प्राधिकरण निःशुल्क पैरवी कर रहा है। यह बात विधिक सेवा प्राधिकरण की सदस्य सचिव लवली जायसवाल ने आज यहां कही।
उन्होंने कहा कि जिला कारगार में विचाराधीन बंदियों में से पात्र बंदियों की रिहायी हेतु महाअभियान 08 अप्रैल से 20 नवम्बर तक संचालित किया गया है, जिसके अर्न्तगत अंडर ट्रायल रिव्यू कमेटी की तृतीय बैठक आज जनपद न्यायालय के मीटिंग हाल में जनपद न्यायाधीश की अध्यक्षता में आहूत की गयी, जनपद न्यायाधीश द्वारा आहूत बैठक में उपस्थित सभी अधिकारियों से अपेक्षा की गयी कि वे विचाराधीन बन्दियों की स्थिति पर विचार करते कुल 04 ऐसे विचाराधीन बंदी चिन्हित किये गये जिनके मामलों में सम्बन्धित न्यायालय में जमानत प्रार्थना पत्र लगाने एवं उनकी रिहायी के सम्बन्ध में आवश्यक कार्यवाही किये जाने हेतु प्राधिकरण को निर्देशित किया गया। श्रीमती जायसवाल द्वारा आज बाल संप्रेक्षण गृह याकूतगंज फर्रुखाबाद का निरीक्षण विडियो कांफ्रेसिंग के माध्यम से किया गया। निरीक्षण के दौरान केयर टेकर/प्रभारी अधीक्षक राजकुमार, दिलीप सिंह कम्प्यूटर आपरेटर गौरव व चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी गजराज उपस्थित थे।
निरीक्षण के दौरान वर्तमान में बाल संप्रेक्षण गृह फर्रुखाबाद में जनपद कन्नौज के कुल 13 किशोर अपचारी निरूद्ध पाये गये। प्रभारी अधीक्षक एवं किशोर अपचारियों द्वारा बताया गया कि उन्हें वीडियों कान्फ्रेसिंग के माध्यम से किशोर न्याय बोर्ड के समक्ष पेश किया जाता है। किशोर अपचारियों को निःशुल्क विधिक सहायता के विषय में बतातें हुए उनकों उनके वाद की पैरवी हेतु अधिवक्ता होने अथवा न होने के विषय की जानकारी ली गयी। 10 अपचारियों द्वारा बताया गया कि उनके मामलों की पैरवी उनके निजी अधिवक्ता द्वारा की जा रही है।
03 किशोर अपचारी के मामले की निःशुल्क पैरवी सचिव प्राधिकरण के निर्देशानुसार पैनल अधिवक्ता अहमद हसन हासमी द्वारा की जा रही है।
सम्प्रेक्षण गृह में सभी किशोर अपचारी स्वस्थ पाये गये। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि
चिकित्सकों द्वारा माह में 4 बार उपस्थित होकर किशोरों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है सचिव द्वारा किशोर अपचारियों को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यों से अवगत कराते हुए बताया गया कि यदि कोई अपचारी जिसके मामले की पैरवी हेतु कोई पैरोकार नही है तो प्रभारी अधीक्षक के माध्यम से निःशुल्क विधिक सहायता आवेदन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को भेजे तथा साथ ही साथ किशोर अपचारियों को बालकों के कानूनी अधिकार के संबंध में जानकारी प्रदान की गयी।निरीक्षण दौरान संप्रेक्षण गृह के शौचालय एवं भोजनालय में गन्दगी पायी गयी जिस पर सचिव द्वारा प्रभारी अधीक्षक को किशोरों को निजी स्वच्छता एवं हाइजिन को ध्यान में रखते हुए सम्पूर्ण परिसर में उचित साफ सफाई की व्यवस्था कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
सचिव द्वारा किशोर अपचारियों को पॉक्सों एक्ट, किशोर अधिनियम जे०जे० एक्ट एवं प्री बारगेंनिग एवं किशोर अपचारियों को बालकों के कानूनी अधिकार के संबंध में विस्तृत जानकारी प्रदान की गयी।
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