वह सत्ता पक्ष के विधायक होने से पहले पीडीए हैं ,और दूसरी तरफ हमला करने वाले प्रभुत्ववादी।
लखनऊ- (BREAKING NEWS EXPRESS )उत्तर प्रदेश के लखीमपुर में भाजपा विधायक योगेश वर्मा की पुलिस के सामने हुयी मारपीट मामले में बवाल अभी थमा नहीं है। दोनों पक्ष के लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जमकर विरोध जता रहे है ,तो वहीँ विधायक योगेश वर्मा ने अपनी सुरक्षा वापस लौटा दी है। इस पूरे मामले में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज फिर से तंज कसा और कहा कि विधायक योगेश वर्मा के साथ अपमान की असली वजह यह है कि वह सत्ता पक्ष के विधायक होने से पहले पीडीए हैं ,और दूसरी तरफ हमला करने वाले प्रभुत्ववादी।
अखिलेश यादव ने सोमवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि विधायक योगेश वर्मा के अपमान की वजह पीडीए हैं। वह सत्ताधारी भाजपा के विधायक से पहले एक पहले पीडीए है और दूसरी ओर हमला करने वाले प्रभुत्ववादी।उन्होंने यह भी कहा कि विधायक के चुनावी घपले की तो वह तो उन्हें करना ही पड़ेगा क्योंकि वो जिस दल में हैं उनके चुनाव जीतने का तरीक़ा ही यही है।
इधर, करणी सेना ने भाजपा विधायक से मारपीट के आरोपी अधिवक्ता अवधेश सिंह को मंच पर बुलाकर सम्मानित किया है।
लखीमपुर में भाजपा विधायक योगेश वर्मा के साथ मारपीट के मामले में प्रदेश के नेतृत्व ने पार्टी के चार कार्यकर्ताओं को नोटिस जारी किया है। इनमें अर्बन कोऑपरेटिव बैंक की पूर्व अध्यक्ष पुष्पा सिंह और उनके पति व भाजपा के सक्रिय सदस्य अवधेश सिंह, पार्टी के जिला उपाध्यक्ष अनिल यादव और बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ की पूर्व सह संयोजक ज्योति शुक्ला शामिल हैं।
इन सभी से दो दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया है। नौ अक्टूबर को लखीमपुर में हुई मारपीट में एक्शन न होने से नाराज भाजपा विधायक योगेश वर्मा ने सुरक्षा में बढ़ाए गए दो गनरों को वापस लौटा दिया। पुलिस अफसरों को इसकी जानकारी मिली तो हड़कंप मच गया। अधिकारियों ने गनर को फिर वापस विधायक के पास भेज दिया है। अधिकारी विधायक को मनाने की कोशिश कर रहे हैं।