(BNE DESK)
अपने अनेक सांस्कृतिक एवं धार्मिक धरोहरों को सरंक्षित रखकर भारत देश -विदेशों में भी आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। अपने भारत देश में लोग ईश्वर के प्रति गहरी आस्था रखते है, जिसकी वजह से यहाँ धर्म का विशेष महत्व भी है। पूर्व से पश्चिम और उत्तर से दक्षिण तक भारत में ऐसे हजारों मंदिर है ,जहाँ भक्तजन इनके दर्शनों के लिए साल भर अलग- अलग समय पर पहुंचते है. और अपनी मनोकामना पूरी करते है .ऐसे ही एक भव्य एवं अलौकिक मंदिर के बारे में हम आपको बताते है जहाँ भक्त अपनी मनोकामना को पूरी कर प्रफुल्लित होते हैं.
दक्षिण भारत में एक मंदिर है रामनाथस्वामी मंदिर। यह एक विश्व प्रसिद्ध शिव मंदिरों में से एक है। यह दक्षिण भारत के तमिलनाडु में रामेश्वरम के रामनाथपुरम जिले में स्थित है। यहाँ शिव भक्तो की हमेशा भीड़ रहती है। रामनाथ स्वामी मंदिर बहुत ही रोचक और पुराना है. यह तीर्थ स्थल हिन्दू समाज में बहुत ही लोकप्रिय है।
कहा जाता है कि इस पवित्र मंदिर का निर्माण 12वीं शताब्दी के आसपास हुआ था। यह भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है।रामनाथस्वामी मंदिर की पौराणिक कहानी बहुत दिलचस्प है।
इस पवित्र मंदिर के बारे में कहा जाता है कि जब मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम जब रावण का वध करके लौटे तो उन्होंने रामनाथपुरम जिले में एक शिव लिंग स्थापित किया. और यहाँ पूजा अर्चना करने के बाद ही अयोध्या के लिए प्रस्थान किया। इस मंदिर के बारे में एक किद्वंती और जुडी हुयी है, कि रामायण काल के बाद महाभारत काल में पांडवों ने रामनाथस्वामी मंदिर का निर्माण कराया था। आज हम इसे रामनाथस्वामी मंदिर के नाम से जानते हैं। कहा जाता है कि यहां दो शिव लिंग हैं। पहला रामलिंगम और दूसरा काशीलिंगम।इस पवित्र शिव मंदिर में आस्था जुडी होने के कारण ही इसकी लोकप्रियता पूरे देश में फैली है।