Ken-Betwa River Linking National Project
खजुराहो (BNE ) देश भर में आज पूर्व प्रधानमंत्री ,भारत रत्न अटल विहारी वाजपेयी की जन्म शताब्दी मनाई जा रही है। इस मौके पर भाजपा शाषित राज्य अटल जी की स्मृति को संजोये रखने के लिए विकास से जुडी योजनाएं धरातल पर लाने की शुरुआत कर रहे है। इसी कड़ी में देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को अटल जी की जन्म शताब्दी समारोह के अवसर पर मध्य प्रदेश में केन-बेतवा नदी जोड़ो राष्ट्रीय परियोजना की आधारशिला रखी। यह परियोजना भारत के राष्ट्रीय नदी जोड़ो योजना का पहला कदम है, इसका उद्देश्य बुंदेलखंड क्षेत्र में पानी की कमी को दूर करना है।
इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि कांग्रेस ने कभी जल संकट के स्थायी समाधान पर काम नहीं किया।अतीत में कांग्रेस सरकारें घोषणाओं और फीता काटने में माहिर थीं, लेकिन विकास की दिशा में कोई ठोस प्रयास नहीं किया। उन्होंने मध्यप्रदेश के किसानों और लोगों के संघर्ष को याद करते हुए कहा कि आज जल संकट से निपटने के लिए ठोस कदम उठाए जा रहे हैं।Ken-Betwa River Linking National Project
सिंचाई और जलविद्युत:
इस परियोजना से मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों को सिंचाई सुविधाएं मिलेंगी, जिससे लाखों किसान परिवारों को लाभ होगा। इसके अलावा, जलविद्युत उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। इससे बिजली की कमी पूरी होगी।
पेयजल आपूर्ति: यह परियोजना न केवल कृषि के लिए, बल्कि क्षेत्र के नागरिकों के लिए पेयजल प्रदान करेगी, खासकर बुंदेलखंड के सूखा प्रभावित क्षेत्रों में। लोगों को अब पीने के पानी के लिए संघर्ष नहीं करना होगा।
भूजल स्थिरता और रोजगार: इस परियोजना से भूजल स्थिरता बढ़ेगी और बुंदेलखंड में रोजगार के मौकों में भी वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे पर्यटन क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा।
हालांकि, परियोजना से जुड़ी पर्यावरणीय चिंताएँ भी हैं, विशेषकर पन्ना टाइगर रिजर्व में दौधन बांध के निर्माण से वन्यजीवों और पारिस्थितिकी तंत्र पर इसके प्रभाव को लेकर सवाल उठाए जा रहे हैं। अधिकारियों ने आश्वासन दिया है कि जलाशय में पानी उपलब्ध रहेगा, जिससे जानवरों की पानी की जरूरत पूरी हो सकेगी।
केन-बेतवा परियोजना का महत्व:
यह परियोजना भारत के जल संकट के समाधान की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और मोदी सरकार की जलसंसाधन प्रबंधन की रणनीति को बढ़ावा देती है। इसके अलावा, यह केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश के राज्यों के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास का प्रतीक है। इस परियोजना की लागत 44,605 करोड़ रुपये के आस-पास है, और यह क्षेत्रीय जल मुद्दों को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।Ken-Betwa River Linking National Project