दमिश्क की जमीनी हकीकत और भारत सरकार के प्रयासों की तारीफ
सीरिया में चल रहे विद्रोह और बशर अल-असद की सत्ता पलटने के बाद भारत ने अपने 75 नागरिकों को सुरक्षित वापस लाने का साहसिक कदम उठाया। इस रेस्क्यू अभियान ने दुनियाभर में भारत की कूटनीति और मानवीय दृष्टिकोण की मिसाल पेश की। गाजियाबाद निवासी रवि भूषण, जो इस अभियान का हिस्सा थे, ने सीरिया की मौजूदा स्थिति और भारतीय दूतावास के प्रयासों के बारे में दिलचस्प और हैरान करने वाले अनुभव साझा किए।
सीरिया में विद्रोह की शुरुआत
27 नवंबर को सीरिया में विद्रोही समूह हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने अचानक हमला कर राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से हटा दिया और राजधानी दमिश्क पर कब्जा कर लिया। इसके बाद सीरिया में अफरा-तफरी मच गई, और हालात तेजी से खराब होने लगे। भारतीय नागरिकों के लिए यह स्थिति बेहद डरावनी हो गई।
भारत का त्वरित रेस्क्यू अभियान
सीरिया में बिगड़ते हालात को देखते हुए भारत सरकार ने तुरंत अपने नागरिकों को निकालने के लिए बचाव अभियान शुरू किया। रवि भूषण ने बताया कि भारतीय दूतावास ने हर संभव प्रयास किया ताकि हर नागरिक की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके। उन्होंने कहा, “भारत ने बचाव अभियान शुरू किया और हम पहली टीम थे जिसे सीरिया से निकाला गया। दूतावास ने हर किसी से संपर्क किया, उन्हें प्रेरित किया और उनकी स्थिति के बारे में लगातार जानकारी ली।”
दूसरे देशों की स्थिति से तुलना
भूषण ने बताया कि उन्होंने अन्य देशों के नागरिकों को भयावह परिस्थितियों में देखा। छोटे बच्चे और महिलाएं कड़ाके की ठंड में घंटों खुले में बैठे रहने को मजबूर थे। उन्होंने कहा, “4-5 डिग्री के तापमान में लोगों को 10-12 घंटे तक इंतजार करना पड़ता था। यह वास्तव में डरावना था। लेकिन भारत सरकार ने हमारे लिए हर सुविधा सुनिश्चित की, जिससे हमें किसी समस्या का सामना नहीं करना पड़ा।”
भारतीय दूतावास की भूमिका
भूषण ने भारतीय दूतावास की सराहना करते हुए कहा कि उन्हें हर घंटे अपडेट मिलता रहा। यदि किसी को भोजन या किसी अन्य चीज की जरूरत होती तो तुरंत उसकी व्यवस्था की जाती। उन्होंने लेबनान और सीरिया में मौजूद भारतीय दूतावास की सक्रियता को महत्वपूर्ण बताया।
भारत सरकार को धन्यवाद
रवि भूषण और अन्य नागरिकों ने भारत सरकार के इस साहसिक कदम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय दूतावास का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, “दूसरे देशों की स्थिति देखकर हमें भारत सरकार के प्रयासों पर गर्व महसूस हुआ।
सीरिया में भारत के रेस्क्यू अभियान ने न केवल भारतीय नागरिकों को सुरक्षित घर पहुंचाया, बल्कि यह साबित किया कि संकट की घड़ी में भारत अपने नागरिकों के लिए हमेशा खड़ा रहता है। यह अभियान दुनियाभर में भारत की कूटनीतिक और मानवीय ताकत का उदाहरण बन गया है।