



तीसरे कार्यकाल में पहली बार श्रीलंका पहुंचे PM मोदी, भारत-श्रीलंका रक्षा समझौते पर बड़ा फोकस
रक्षा सहयोग, कर्ज पुनर्गठन और कनेक्टिविटी पर होगी चर्चा, चीन के बढ़ते प्रभाव के बीच भारत की रणनीतिक पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिम्सटेक शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के बाद अब श्रीलंका का दौरा किया है। यह दौरा कई मायनों में खास है क्योंकि अपने तीसरे कार्यकाल में पीएम मोदी पहली बार कोलंबो पहुंचे हैं और श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायका की मेजबानी पाने वाले पहले विदेशी नेता बन गए हैं।
इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच रक्षा, ऊर्जा, व्यापार और कनेक्टिविटी जैसे क्षेत्रों में सहयोग को गहरा करने पर जोर रहेगा। सबसे अहम पहलू भारत-श्रीलंका रक्षा सहयोग समझौता है, जिस पर प्रधानमंत्री मोदी और श्रीलंकाई राष्ट्रपति के बीच द्विपक्षीय बैठक के बाद हस्ताक्षर होने की संभावना है। यह कदम चीन के बढ़ते सैन्य प्रभाव के जवाब के रूप में देखा जा रहा है, खासकर जब से चीनी युद्धपोतों ने हंबनटोटा और कोलंबो बंदरगाहों पर दस्तक दी है।
इसके अलावा, भारत श्रीलंका के कर्ज पुनर्गठन पर भी सहमति जता सकता है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने पुष्टि की है कि यह रक्षा समझौता नई दिल्ली और कोलंबो के बीच पहला बड़ा रक्षा सहयोग होगा। उन्होंने यह भी कहा कि श्रीलंका भारत की ‘पड़ोसी पहले’ नीति का अभिन्न हिस्सा है और दोनों देशों के बीच विश्वास एवं सहयोग की नींव मजबूत है।
यह यात्रा न सिर्फ रणनीतिक बल्कि ऐतिहासिक रूप से भी बेहद अहम मानी जा रही है।