केंद्र सरकार घोषित आपातकाल के दर्द को याद कर रही लेकिन पिछले 10 साल से देश के लोगों पर अघोषित आपातकाल को थोपकर छिपाने में लगी है - डा सी पी रॉय, चेयरमैन मीडिया विभाग * मोदी सरकार द्वारा लिखित राष्ट्रपति के अभिभाषण सुनकर ऐसा लगा जैसे मोदी जी जनादेश को नकारने की हर संभव कोशिश कर रहें हैं - डा सी पी रॉय, चेयरमैन मीडिया विभाग, * जनादेश बीजेपी के खिलाफ था, देश की जनता ने “400 पार” के उनके नारे को ठुकराकर भाजपा को 272 के आँकड़े से दूर किया - डा सी पी रॉय, चेयरमैन मीडिया विभाग, लखनऊ,:प्रदेश कांग्रेस के मीडिया विभाग के चेयरमैन पूर्व मंत्री डॉ सी पी रॉय ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए आपातकाल पर भाजपा सरकार को आड़े हाथों लिया है और केंद्र की मोदी सरकार द्वारा घोषित आपातकाल के दर्द को याद करने को बेईमानी बताया है, और कहा है कि पिछले 10 साल से देश के लोगों पर अघोषित आपातकाल को जो भाजपा ने थोप रखा है पर बीजेपी और उनके अनुषांगिक संगठन चुप हैं। डा सी पी रॉय ने कहा कि 1975 के आपातकाल को तो जनता ने माफ कर दिया तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी ने माफी भी मांगी देश ने माफ कर पुनः उन्हें 353 सीटों के साथ सत्ता में पहुंचाया, लेकिन भाजपा आज भी रोना रोककर जनता के दिए जनादेश का अपमान और मजाक उड़ाती है। डा सी पी रॉय ने कहा कि पिछले 5 वर्षों में NTA द्वारा कराए गए 66 भर्ती परीक्षाओं में कम से कम 12 में पेपर लीक और धांधली हुई है, जिससे 75 लाख से अधिक युवा प्रभावित हुए हैं। लेकिन मोदी सरकार क्यों पेपर लीक माफियाओं को बचा रही, मोदी सरकार केवल यह कहकर कि "दलगत राजनीति से ऊपर उठना चाहिए" - अपनी जवाबदेही से भाग नहीं सकती। युवा न्याय माँग रहा है। मोदी सरकार के शिक्षा मंत्री को इसकी जिम्मेदारी लेनी होगी। देश का हर दूसरा युवा बेरोजगार है, और भाषण में बेरोजगारी दूर करने की कोई ठोस नीति सामने नहीं आई है। सिर्फ बातें करने से समस्या का हल नहीं निकलता, इसके लिए निर्णायक कदम उठाने होते हैं। डा सी पी रॉय ने कहा कि भाषण में महंगाई का जिक्र तक नहीं है, रोज़मर्रा की खान-पान की चीज़ें के दाम दिन-दोगुनी, रात-चौगुनी बढ़ गए हैं। 4 महीनों से Food Inflation 8.5% से अधिक रहा है। आटे, दाल, टमाटर, प्याज, दूध - सबके दाम आसमान पर हैं। देश में परिवारों की बचत 50 वर्षों में सबसे निचले स्तर पर है। पर पूरे अभिभाषण से "महंगाई" शब्द गायब है। डा सी पी रॉय ने कहा कि 13 महीनों से लगातार चल रही मणिपुर की हिंसा में 221 लोगों की जान गई है, अभी भी 50,000 लोग बेघर हैं। हिंसा की आग अब जिरीबाम जैसे शांतिपूर्ण जिलों तक फैल गई है, जबकि इम्फाल घाटी और अन्य क्षेत्रों में जबरन वसूली और अपहरण में वृद्धि देखी गई है। पर भाजपा के मुख्यमंत्री अभी भी सत्ता पर काबिज हैं। शांति की कोई ठोस पहल नहीं हुई है। डा सी पी रॉय ने अभिभाषण पर कहा कि देश में पिछले 10 साल में भीषण रेल दुर्घटनाये हुईं लेकिन भाषण में जिक्र नहीं आखिर किसकी जवाबदेही होगी व ट्रेनों में यात्रियों की दुर्दशा के लिए कौन जिम्मेदार होगा,मोदी सरकार ने राष्ट्रपति के लिखित भाषण में पश्चिम बंगाल में हुई रेल दुर्घटना का कोई जिक्र नहीं किया। बालासोर की रेल त्रासदी के बाद भी सरकार ने कोई सबक नहीं किया। बहुप्रचारित "कवच" सुरक्षा अभी केवल 2% पटरियों पर लगी है, जबकि NCRB के मुताबिक 2017 और 2021 के बीच ट्रेन हादसों से संबंधित 100,000 से अधिक मौतें हुईं। डा सी पी रॉय न आतंकी हमलों पर कहा कि मोदी सरकार ने हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डाल दिया है, पिछले 10 वर्षों में जम्मू और कश्मीर में 2,262 आतंकी हमले हुए हैं, जिनमें 363 नागरिक मारे गए और 596 जवान शहीद हुए हैं। पिछले कुछ वर्षों में कश्मीरी पंडितों पर आये दिन हमले हुए हैं, पर प्रधानमंत्री "नया कश्मीर" का झूठा राग अलाप रहें हैं। मीडिया चेयरमैन पूर्व मंत्री डॉ सी पी रॉय ने दलितों, आदिवासियों व अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार पर भाजपा को घेरते हुए कहा कि बीजेपी शासित राज्यों में दलितों पिछड़े वर्ग और गरीबों पर अत्याचार की घटनाएं बढ़ी हैं ओडिशा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, असम व उत्तर प्रदेश जैसे भाजपा शासित राज्यों में मोदी सरकार के आते ही मॉब लिंचिंग, भीड़तंत्र, सांप्रदायिक हिंसा और गरीबों के घरों में ग़ैरकानूनी बुलडोजर चलने की घटनाएं बढ़ी हैं। पर सत्ताधारी दल पूरी तरह मौन धारण कर के बैठे हैं। डा सी पी रॉय ने कहा कि राष्ट्रपति महोदया का अभिभाषण कुल मिलाकर, मोदी जी द्वारा महामहिम राष्ट्रपति जी से झूठ बुलवाकर, वाहवाही लूटने का सस्ता प्रयास है, जिसे कर वह देश की जनता का मजाक कर रहें हैं, जिसे 2024 के चुनाव में भारत की जनता नकार चुकी है।