शिमला: एसजेवीएन ने ए.के. सिंह, निदेशक (वित्त), एसजेवीएन तथा टी.एन. सिंह, निदेशक, आईआईटी पटना की गरिमामय उपस्थिति में प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान पटना (आईआईटी पटना) के साथ एक महत्‍वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। गीता कपूर, अध्‍यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, एसजेवीएन ने कहा कि इस सहयोग का उद्देश्य उन्नत भूगर्भीय मॉडलों को आगे बढ़ाना है, जिससे एसजेवीएन की टनलिंग परियोजनाओं में समय एवं लागत ओवररन को काफी हद तक कम किया जा सके। एमओयू का मुख्‍य उद्देश्‍य विविध भू-तकनीकी डेटा स्रोतों को एकीकृत करने के लिए अत्याधुनिक पद्धतियों को विकसित करना है। इनमें एसजेवीएन की परियोजनाओं से भूगर्भीय सर्वेक्षण, बोरहोल डेटा, भू-भौतिकीय माप और निगरानी डेटा शामिल हैं। इस सहयोग का उद्देश्य ओवरबर्डन और डिफॉर्मेशन के मध्‍य जटिल संबंधों का मूल्यांकन करना भी है, जिससे टनलिंग परियोजनाओं के लिए महत्वपूर्ण सहायक प्रणालियों के मूल्यांकन और डिजाइन को बढ़ाया जा सके। एकीकृत भू-तकनीकी डेटा और 3डी भूगर्भीय मॉडलों का दोहन करके, एसजेवीएन और आईआईटी पटना का लक्ष्य संभावित जोखिमों और खतरों को चिह्नित और उनका विश्लेषण करना है। इस साझेदारी के परिणामों में से एक प्रमुख परिणाम पूर्वानुमानित एनालिटिक्स एल्गोरिदम का विकास होगा। ये एल्गोरिदम, एकीकृत भू-तकनीकी डेटा का लाभ उठाते हुए, संभावित जोखिमों का पूर्वानुमान लगाएंगे और विशेष रूप से टनलिंग परियोजनाओं के लिए तैयार की गई प्रारंभिक चेतावनी प्रणालियां उपलब्‍ध कराएंगे। इस प्रकार के सक्रिय उपायों से परियोजना निष्पादन के दौरान समय और लागत ओवररन को काफी हद तक कम करने की संभावना है। एमओयू पर हस्ताक्षर के अवसर पर एसजेवीएन से आर.के. गुप्ता, मुख्‍य महाप्रबंधक (सिविल), जितेंद्र यादव, महाप्रबंधक (वित्त), . हेमन्त कुमार शाकल्य, महाप्रबंधक (सिविल), अक्षय आचार्य, महाप्रबंधक (भूविज्ञान) और आईआईटी पटना से प्रोफेसर ए. के. वर्मा भी उपस्थित रहे। एसजेवीएन और आईआईटी, पटना इस रणनीतिक साझेदारी के माध्यम से सततशील विकास और तकनीकी उत्कृष्टता को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध हैं।