नई दिल्ली-कनाडा की डलहौजी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के शोध में दावा किया गया है कि प्रशिक्षित श्वान (Dog) इंसान की सांसों को सूंघकर तनाव की शुरुआत की जानकारी देंगे। इससे तनाव, अवसाद के इलाज में काफी आसानी हो जाएगी। ओटावा. किसी इंसान में तनाव की शुरुआत का दूसरों के लिए पता लगाना मुश्किल है। कनाडा (Canada) के वैज्ञानिकों का दावा है कि उन्होंने ऐसा तरीका खोजा है, जिससे यह संभव हो सकता है। वैज्ञानिकों ने शोध में पाया कि विशेष रूप से प्रशिक्षित श्वान इंसान की सांसों को सूंघकर उसमें तनाव (Depression) की शुरुआत को पहचान सकते हैं। वैज्ञानिक अब कोशिश करेंगे कि बुजुर्गों के साथ रहने वाले श्वानों को खास तौर से इसके लिए प्रशिक्षित किया जाए, जिससे तनाव की पहचान समय पर की जा सके। कनाडा की डलहौजी यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों के फ्रंटियर्स इन एलर्जी जर्नल में प्रकाशित शोध के मुताबिक पोस्ट ट्रूमैटिक स्ट्रेस डिसॉर्डर (पीटीएसडी) के लक्षणों के साथ संघर्ष कर रहे लोगों को श्वानों की इस क्षमता का लाभ मिल सकेगा। शोध में दो