पटना, : आयुक्त, पटना प्रमंडल, पटना कुमार रवि ने डेंगू के रोकथाम हेतु प्रमंडलांतर्गत सभी जिलों- पटना, नालन्दा, भोजपुर, रोहतास, बक्सर एवं भभुआ - के जिलाधिकारियों को एक्सक्लूसिव डेंगू नियंत्रण कक्ष 24*7 सक्रिय रखने तथा सभी निरोधात्मक एवं सतर्कतामूलक कार्रवाई सुनिश्चित करने का निदेश दिया है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्यों में भी डेंगू के मरीज मिल रहे हैं। आने वाले त्योहारों के दौरान काफी बड़ी संख्या में लोगों के बिहार आने की संभावना है। अतः सभी अनुमंडल पदाधिकारियों, सिविल सर्जन, नगर कार्यपालक पदाधिकारियों तथा अन्य सम्बद्ध विभागों के पदाधिकारियों को अपेक्षित सतर्कता बरतने की जरूरत है।आने वाले लोगों के ट्रैवेल हिस्ट्री के अनुसार स्थिति पर नज़र रखने का निर्देश दिया गया है। आयुक्त रवि ने कहा कि एक्सपर्ट्स एवं मेडिकल प्रोफ़ेशनल्स के सलाह के अनुसार अक्टूबर महीना तक डेंगू की यह स्थिति रहने की संभावना है। इसके पश्चात स्थिति में सुधार आएगा। विशेषज्ञों द्वारा यह भी बताया गया है कि डेंगू के मामले में जो वृद्धि हो रही है उसमें पैनिक होने की कोई आवश्यकता नहीं है। डेंगू से पीड़ित मरीजों में रिकॉवरी रेट अच्छा है। प्रायः डेंगू का उपचार सामान्य विधि से होता है। इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है। कम ही मरीजों को प्लेटलेट्स की आवश्यकता पड़ रही है। मरीजों में प्लेटलेट की संख्या 10 हजार से कम होने अथवा रक्तश्राव के लक्षण दिखने पर ही विशेष परिस्थिति में प्लेटेलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है। इसकी भी पर्याप्त व्यवस्था अस्पतालों में है। अतः लोगों को घबराने की एकदम आवश्यकता नहीं है। डेंगू के प्रसार को रोकने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। सभी ज़िलों में निरोधात्मक एवं सतर्कतामूलक कार्रवाई की जा रही है। मेडिकल कॉलेज अस्पतालों, ज़िला अस्पतालों, सदर अस्पतालों एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डेंगू मरीज़ों के लिए बेड सुरक्षित रखा गया है।आवश्यकतानुसार बेडों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है। सभी बेडों को मच्छरदानीयुक्त एवं डेंगू नियंत्रण हेतु सभी व्यवस्था किया गया है। प्राइवेट अस्पतालों द्वारा भी सभी तरह का सहयोग किया जा रहा है। =================== आयुक्त द्वारा सभी ज़िलाधिकारियों को निदेश दिया गया है किः- 1. सभी संबंधित पदाधिकारी अलर्ट रहें तथा डेंगू पर नियंत्रण के लिए हरसंभव कदम उठाएँ। 2. डेंगू के हॉट स्पॉट में विशेष नजर रखते हुए त्वरित कार्रवाई करें। 3. ब्लड बैंक कोषांग को हमेशा सक्रिय रखें । 4. एडिज मच्छर पर नियंत्रण के लिए हर तरह की निरोधात्मक कार्रवाई करें। वृहत स्तर पर फॉगिंग तथा एन्टी-लार्वा रसायन (टेमीफॉस) का छिड़काव करें। लार्वानाशी कार्रवाई के तहत जल-जमाव वालों स्थानों तथा डेंगू प्रतिवेदित मुहल्लों में टेमीफॅास का छिड़काव सघन रूप से टीमों के द्वारा फाइलेरिया निरीक्षक के देखरेख में किया जाए। 5. स्वास्थ्य प्रशिक्षकों द्वारा नगर निकायों में फॉगिंग का निरंतर पर्यवेक्षण सुनिश्चित कराएँ। 6. डेंगू को नियंत्रित करने के लिए संदिग्ध मरीजों की निगरानी रखना आवश्यक है। डेंगू की पुष्टि होने पर मरीज के घरों के आस-पास आशा तथा आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के माध्यम से एक्टिव सर्विलेंस कराएँ ताकि नये मरीजों की पहचान हो सके। 7. सभी अंचलों को डेंगू प्रतिवेदित मरीजों की लाईन लिस्ट निरोधात्मक कार्रवाई के तहत टेक्निकल मालाथियोन की फॉगिंग कराने हेतु ससमय उपलब्ध करा दी जाए। निरोधात्मक कार्रवाई के तहत लाईन लिस्ट प्राप्त होने पर सूक्ष्म कार्य योजना के अनुसार डेंगू के सम्पुष्ट मरीज के आस-पास 500 मीटर रेडियस में तुरंत टेक्निकल मालाथियोन की फॉगिंग कराएँ। 8. अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड उपलब्ध है। आवश्यकता पड़ने पर सिविल सर्जन इसे बढ़ाएँ। 9. अस्पतालों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता हमेशा सुनिश्चित रखें। 10. विद्यालयो एवं महाविद्यालयों में हेल्थ एडवायजरी के अनुसार विद्यार्थियों को पूरे शरीर को ढँकने वाले कपड़े/ड्रेस का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित करें। 11. सभी भागीदार (स्टेकहोल्डर्स) यथा जिला प्रशासन, नगर निकाय, स्वास्थ्य विभाग, शिक्षा, पंचायती राज, ग्रामीण विकास, पीएचईडी एवं अन्य आपस में समन्वय स्थापित कर सभी आवश्यक कार्रवाई करें। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी विभागीय दिशा-निदेशों का अक्षरशः अनुपालन सुनिश्चित करें। डेंगू बुखार के क्लिनिकल प्रबंधन के लिए राष्ट्रीय दिशा-निदेशों के अनुरूप प्रतिबद्धता के साथ कार्य करें। आशा/आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा डेंगू-प्रवण क्षेत्र में सघन अभियान चलायें। जनसमुदाय की सहभागिता सुनिश्चित करें। त्रि-स्तरीय पंचायती राज संस्थाओं एवं नगर निकायों के जन-प्रतिनिधियों सहित सभी जन-प्रतिनिधियों से अनुरोध कर अभियान में उनका बहुमूल्य सहयोग प्राप्त करें। 12. ज़िलों में डेंगू को मात देने के लिए नियमित तौर पर आईईसी (सूचना, शिक्षा और संचार) एवं बीसीसी (व्यवहार परिवर्तन संचार) अभियान चलाएँ। ==================== आयुक्त रवि ने कहा कि प्रायः डेंगू का उपचार सामान्य विधि से होता है। इसके लिए पारासिटामोल सुरक्षित दवा है। मरीजों में प्लेटलेट्स की संख्या 10 हजार से कम होने अथवा रक्तश्राव के लक्षण दिखने पर ही विशेष परिस्थिति में प्लेटलेट्स चढ़ाने की आवश्यकता पड़ती है जो पर्याप्त मात्रा में चिन्हित रक्त केन्द्रों में उपलब्ध है। सरकारी तथा निजी रक्त केन्द्रों में प्लेटलेट्स की सुविधा इत्यादि की सूचना समाचार पत्रों के माध्यम से नियमित तौर पर दी जा रही है। सरकारी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए राज्य के सरकारी रक्त केन्द्रों में प्लेटलेट्स (RDP) एवं Apheresis (SDP) निःशुल्क उपलब्ध है। सरकारी रक्त केन्द्रों द्वारा निजी अस्पतालों में भर्ती मरीजों के लिए प्रोसेसिंग शुल्क निर्धारित है। प्राइवेट रक्त केन्द्रों द्वारा अधिकतम प्रोसेसिंग शुल्क भी निर्धारित है।आयुक्त श्री रवि ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निर्धारित राशि से अधिक की राशि लिए जाने की शिकायत आने पर दोषियों के विरूद्ध नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने आम जनता से भी अपील किया कि दलालों तथा बिचौलियों से सावधान रहें, उनके चंगुल में न पड़ें। ===================== आयुक्त रवि ने वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम, बिहार के गाईडलाईन्स के अनुसार डेंगू नियंत्रणार्थ गतिविधियों में और अधिक गतिशीलता लाने हेतु सभी जिलाधिकारियों को निर्देशित किया है। =============================== आयुक्त रवि द्वारा सभी क्षेत्रों में निम्नलिखित गतिविधियों का लगातार वृहत स्तर पर संचालन करने का निदेश दिया गया हैः 1. योजनाबद्ध ढ़ंग से डेंगू रोकथाम गतिविधियों में जनसमुदाय की सहभागिता। 2. मच्छर प्रजनन स्थलों को चिन्हित कर मच्छर प्रजनन रोकने के उपायों के बारे में आम जनता को जागरूक करना। 3. पानी टंकी तथा घरों के अंदर साफ पानी जमा करने के बर्तनों को ढ़ककर रखने के लिए आम जनता को प्रेरित करना। 4. दिन में भी मच्छर काटने से बचने के लिए व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों को अपनाने के लिए आम जनता में जागरूकता बढ़ाना। 5. विभिन्न माध्यमों यथा प्रिंट-इलेक्ट्रॉनिक तथा सोशल मीडिया के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक करना। 6. विद्यालयों में डेंगू पर आधारित विशेष गतिविधियों तथा क्विज, निबंध एवं चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया जाना। 7. इन्टर-सेक्टोरल कन्वर्जेन्स गतिविधि के अंतर्गत सरकारी विभाग, एनजीओ, स्थानीय जन-प्रतिनिधियों एवं अन्य स्टेकहोल्डर्स को शामिल करते हुए बैठक एवं कार्यशाला का आयोजन किया जाना जिसमें आईईसी/बीसीसी पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। 8. डेंगू एवं चिकनगुनिया विषयक फ्लेक्स/बैनर एवं पैम्फ्लेट्स का सभी प्रखंडों में वितरण। ================================ डेंगूः कारण एवं लक्षण डेंगू बीमारी एडिज नामक मच्छर के काटने से होती है, एडिज मच्छर दिन के समय काटता है। डेंगू के लक्षण * अचानक तेज सिर दर्द व तेज बुखार * मांसपेशियों तथा जोड़ों में दर्द होना * आँखों के पीछे दर्द होना, जो कि आँखों को घुमाने से बढ़ता है *जी मिचलाना एवं उल्टी होना * गंभीर मामलों में नाक, मुँह, मसूड़ों से खून आना * त्वचा पर चकत्ते उभरना ——————————————- बचाव के उपाय * एडिज के मच्छर स्थिर साफ पानी में पनपते हैं * कूलर, पानी की टंकी, पक्षियों के पीने के पानी का बर्तन, फ्रिज की ट्रे, फूलदान इत्यादि को प्रति सप्ताह खाली करें व धूप में सुखाकर प्रयोग करें। * नारियल का खोल, टूटे हुए बर्तन व टायरों में पानी जमा न होने दें। * घरों के दरवाजे व खिड़कियों में जाली/परदे लगायें। =================== आयुक्त रवि ने कहा कि डेंगू से बचाव हेतु जन सहभागिता आवश्यक है। =================== याद रहे हर बुखार डेंगू नहीं होता है आयुक्त रवि ने कहा कि कतिपय निजी जाँच घरों एवं अस्पतालों द्वारा डेंगू की जाँच रैपिड डायग्नोस्टिक कीट (RDT Kit) से कर Ns1 Positive परिणाम परिदर्शित होने पर उसे डेंगू बुखार घोषित कर दिया जा रहा है जिससे लोगों में भय एवं भ्रांति की स्थिति उत्पन्न होने की संभावना रहती है। रैपिड डायग्नोस्टिक कीट जाँच से संदिग्ध डेंगू चिन्हित किए जा सकते हैं किन्तु यह जाँच रोग को सम्पुष्ट (Confirm) नहीं करता है। भारत सरकार के निर्देशानुसार डेंगू बुखार की सम्पुष्ट जाँच (Confirmation test) सिर्फ ELISA based NS1 एवं IgM कीट से ही किया जाना है। चिन्हित मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में ELISA based NS1 एवं IgM कीट से निःशुल्क जाँच की व्यवस्था उपलब्ध है। आयुक्त रवि ने आम जनता से आह्वान करते हुए कहा है कि रैपिड डायग्नोस्टिक कीट (RDT Kit) से यदि Ns1 Positive हो तो उसकी सम्पुष्टि (Confirmation) निःशुल्क रूप से मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में अवश्य करायें। ‘‘असामाजिक तत्वों के बहकावे में न आयें, सरकारी अस्पतालों में डेंगू की निःशुल्क जाँच एवं उपचार कराएँ’’ ================= आयुक्त रवि ने कहा कि डेंगू के प्रसार पर नियंत्रण के लिए सम्पूर्ण प्रशासनिक तंत्र सजग, तत्पर एवं प्रतिबद्ध है।