बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। गवर्नर राजेंद्र अर्लेकर के अभिभाषण के बाद विधानसभा की कार्यवाही शुरु हुई। विधानसभा की कार्यवाही शुरु होते ही सबसे पहले विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया गया और ये प्रस्ताव ध्वनि मत से पास हो गया। विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए उन्होंने आरजेडी पर कई आरोप लगाए। शिक्षक भर्ती में गड़बड़ी का लगाया आरोप उन्होंने इस दौरान कहा कि पिछली सरकार में राष्ट्रीय जनता दल भ्रष्टाचार में संलिप्त थी। उन्होंने कहा कि एनडीए सरकार इसकी जांच कराएगी। उन्होंने विधानसभा में कहा कि शिक्षकों की नियुक्ति का फैसला तो तब हो चुका था, जब भाजपा और जदयू की सरकार थी। जब राजद के साथ सरकार बनी तब राजद ने जबरदस्ती शिक्षा विभाग लिया था, लेकिन वे लोग शिक्षा विभाग में काम करने के बजाय सारे काम को रोक रहे थे। इससे पहले भी जब महागठबंधन की सरकार बनी थी तब उस समय कांग्रेस के पास शिक्षा विभाग हुआ करता था, लेकिन कांग्रेस ने गड़बड़ी नहीं की थी। राजद ने गड़बड़ किया। मैं जांच कराऊंगा: नीतीश कुमार उन्होंने बहुमत प्रस्ताव पर चर्चा करते हुए कहा कि आरजेडी के शासनकाल को भी याद करना चाहिए। कोई लॉ एंड आर्डर नहीं था। 2005 से पूर्व आरजेडी अपने शासनकाल के दौरान भ्रष्ट आचरण में लिप्त थी, मैं इसकी जांच कराऊंगा। तेजस्वी ने किया पलटवार वहीं, राजद नेता तेजस्वी यादव ने भी विधानसभा में नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने हमें पहले भी आशीर्वाद दिया था कि अब यही आगे बढ़ेगा। हम मानते हैं कि हम वनवास नहीं आए हैं। नीतीश जी ने हमें कहा था कि बीजेपी ईडी-सीबीआई लगाकर फंसाने का काम करती हैं। आखिर क्या ऐसा हुआ कि आपको ये निर्णय लेना पड़ा। आपने बोला था कि हम एनडीए का साथ इस लिए छोड़े थे, क्योंकि हमारी पार्टी को तोड़ने का प्रयास किया था। आपने कहा था कि हम लोगों का एक ही लक्ष्य है कि देशभर के विपक्षी दलों को एकजुट करना है।