रायपुर. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने महादेव ऐप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में बड़ी कार्रवाई की है. एजेंसी ने छापेमारी के बाद दुबई स्थित हवाला ऑपरेटर की 580 करोड़ से अधिक रुपए फ्रीज किए हैं. इसके अलावा 3.64 करोड़ की नकदी और कीमती सामान भी जब्त कर लिया है. यह छापे 28 फरवरी को कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर, मुंबई और रायपुर के कई ठिकानों पर मारे गए थे. इस मामले में अब तक 1200 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति का खुलासा हो चुका है. मामले में अब तक 9 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है. ईडी की इस पूरी कार्यवाही और लगातार जांच में यह पता चला है कि कथित 6000 करोड़ रुपए के महादेव ऑनलाइन सट्टा ऐप का संचालन दुबई से किया जा रहा है. यह खेल पिछले कई सालों से चल रहा है. दुबई से चलने का मुख्य उद्देश्य जांच एजेंसियों की रडार से बचना है. इस ऑनलाइन सट्टे को अलग-अलग फ्रेंचाइजी के माध्यम से देश भर में चलाया जा रहा है. ईडी की जांच में पता चला है कि छोटी-छोटी वेबसाइट को फ्रेंचाइजी देकर महादेव सट्टा का अवैध कारोबार चल रहा है. जिसमें रेड्डीअन्ना, फेयरप्ले जैसी साइट की जानकारी इस रेड से बाहर निकल कर आई है. ईडी की जांच में महादेव ऑनलाइन बुक के अन्य प्रमोटर के नाम का भी खुलासा किया गया है. जांच में पाया गया है कि हरिशंकर टिंबरेवाल जो की कोलकाता का रहने वाला है. यह वर्तमान में दुबई में रहते हुए ऑनलाइन सट्टा के प्रमोटरों के साथ मिलकर पैसे को हवाला करने का काम करता था. महादेव सट्टा के कई प्रमोटरों के साथ इसकी बड़ी साझेदारी थी. इस रेड में उसके कई सहयोगियों के घरों में भी रेड करने के बाद कई अहम दस्तावेज की बरामद हुए हैं. जिसमें पता चला है कि हरिशंकर टिंबरेवाल अवैध सट्टेबाजी वेबसाइट का भी मालिक था. सट्टे के पैसे की अवैध कमाई को वह भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहा था. इसके अलावा इस कमाई के पैसे को हवाला के माध्यम से इधर से उधर करने का काम करता था. प्रवर्तन निदेशालय ने अब तक इस प्रकरण में दो चीर्जशीट दाखिल की है. यह चार्जशीट सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ है. दोनों ऐप के प्रमोटर हैं. एजेंसी ने पहले भी मामले में कई छापे मारे थे. ईडी के अनुसार, इस मामले में अपराध की अनुमानित आय लगभग 6,000 करोड़ है.