प्रयागराज :बृजेश सिंह के साथ 8 और आरोपियों को कोर्ट ने बरी किया है। जबकि इसी मामले में 4 आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। 37 साल पुराने मामले होईकोर्ट से पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह राहत मिली है। पूर्व एमएलसी बृजेश सिंह को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 37 साल पहले एक ही परिवार के सात लोगों की निर्मम हत्या करने के आरोप से बरी कर दिया है। यह मामला चंदौली जिले का है। इस हत्याकांड में बृजेश सिंह नामजद थे। 13 लोग आरोपी बनाए गए थे। सामूहिक नर संहार में चार लोगों को हुई सजा बृजेश सिंह के साथ 8 और आरोपियों को कोर्ट ने बरी किया है। जबकि इसी मामले में 4 आरोपियों को कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने अपने फैसले में कहा कि चारों आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा दी जाती है,क्योंकि इनके खिलाफ पर्याप्त सबूत है। कोर्ट ने बृजेश सिंह समेत अन्य आरोपियों को बरी कर दिया। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस अजय भनोट की डिवीजन बेंच ने फैसला सुनाया है। यह था मामला पीड़ित परिवार की महिला हीरावती इस मामले को 37 साल से लड़ रही है। इस हत्याकांड में हीरावती के पति, उनके 2 देवर और परिवार के चार बच्चों की हत्या हुई थी। हीरावती की बेटी भी इस हत्याकांड में बुरी तरह से घायल हुई थी। ये निर्मम हत्या 10 अप्रैल साल 1986 में हुई थी। ये बलुआ थाना क्षेत्र के सिकरौरा घटना थी और तब ये इलाका वाराणसी जिले में आता था। हालांकि बाद में चंदौली जिला बना और ये इलाका चंदौली में आ गया।