हाई ब्लड प्रेशर पर डब्ल्यूएचओ द्वारा जारी की गई पहली रिपोर्ट में दावा किया गया है कि भारत में 30 से 79 उम्र वर्ग की करीब 30 फीसदी आबादी यानी करीब 18.83 करोड़ लोग उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर भारत की उच्च रक्तचाप से ग्रस्त आधी आबादी अपने रक्तचाप को नियंत्रित कर ले तो 2040 तक भारत में कम से कम 46 लाख मौतों को रोका जा सकता है। रिपोर्ट के अनुसार भारत में उच्च रक्तचाप से पीड़ित केवल 37 प्रतिशत लोग ही जांच करवाते और जानते हैं कि वे उच्च रक्तचाप से पीड़ित हैं। इनमें से भी केवल 30 प्रतिशत ही उपचार लेते हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि वर्तमान में, देश में उच्च रक्तचाप से पीड़ित केवल 15 प्रतिशत लोगों में ही यह नियंत्रण में है। रिपोर्ट की मानें तो, देश में दिल का दौरा जैसी हृदय संबंधी बीमारियों के कारण होने वाली आधी से अधिक मौतों (52 प्रतिशत) का कारण उच्च रक्तचाप हो सकता है। हाइपरटेंशन से हर्ट हटैक और स्ट्रोक रिपोर्ट के अनुसार हाइपर टेंशन के चलते स्ट्रोक (मस्तिष्काघात), दिल का दौरा, दिल का काम करना बंद करना, गुर्दे की क्षति और कई अन्य स्वास्थ्य समस्याएं पैदा होती हैं। डब्ल्यूएचओ का दावा है कि इसे रोका जा सकता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि लंबे समय तक संपर्क में रहने से अनियंत्रित उच्च रक्तचाप के कारण रक्त वाहनियों और शरीर के अन्य अंगों को होने वाली क्षति बढ़ जाती है। इसलिए, युवा लोगों को भी भविष्य में प्रतिकूल स्वास्थ्य घटनाओं का खतरा अधिक बना हुआ है। संगठन ने तारीफ की है कि भारत ने 2025 तक उच्च रक्तचाप या मधुमेह के 7.5 करोड़ रोगियों को मानक उपचार तंत्र के अंदर ले आने का फैसला किया है। भारत में वैश्विक औसत से कम मरीज वैश्विक स्तर पर बात करें तो वर्तमान में वैश्विक स्तर पर हालात भारत से भी गंभीर हैं। दुनिया भर की करीब 34 फीसदी उच्च रक्तचाप से ग्रस्त है, यानी लगभग 1.3 अरब लोग उच्च रक्तचाप से ग्रस्त है। रिपोर्ट में 30 से 79 आयु वर्ग का डेटा एकत्र किया गया। वैश्विक स्तर पर हाइपर टेंशन के मरीज दुनिया 34 फीसदी भारत 32 फीसदी चीन 27 अमरीका 32 क्षेत्र के हिसाब से दुनिया में हाइपर टेंशन के मरीज 1990 2019 पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र 14.4 34.6 पूर्वी भूमध्यसागर 3.7 9.9 अफ्रीकी देश 4.5 10.6 यूरोपीय देश 20.6 23 दक्षिण एशियाई देश 11.8 29.4 अमरीकी देश 9.6 19.7 भारत में किन कारणों से होता है उच्च रक्तचाप भारत में उच्च रक्तचाप के प्राथमिक ट्रिगर अधिक नमक का सेवन, तंबाकू सेवन, मोटापा, शराब का सेवन और शारीरिक व्यायाम की कमी को रेखांकित किया गया है। रिपोर्ट में तम्बाकू सेवन और मोटापे को भारत में दो सबसे प्रमुख हाइ ब्लड का कारण बताया गया है, जिसस देश की क्रमशः 13 प्रतिशत और 22 प्रतिशत आबादी प्रभावित है। तम्बाकू के उपयोग का जोखिम पुरुष और महिला दोनों के लिए समान है, जबकि मोटापे से पुरुष महिलाओं से 3 फीसदी ज्यादा प्रभावित हैं। मध्य प्रदेश में बिक रहीं सालाना 3.7 करोड़ टेबलेट रिपोर्ट में भारत के चार राज्यों में चार वर्षों में एम्लोडिपिन (ब्लड प्रेशर रोकथाम की दवा) की खरीद को रेखांकित किया है, जहां इसकी खरीद में स्पष्ट बढ़ोतरी हुई है। पंजाब में, 2018-19 में 51 लाख टैबलेट की खपत हो रही थी जो कि 2020-2021 में बढ़कर 3 करोड़ 60 लाख हो गई। इसी तरह मध्य प्रदेश में 1.2 करोड़ से 3.7 करोड़, केरल में 4.3 करोड़ से 6.6 करोड़, महाराष्ट्र में 2.3 करोड़ से 14.3 करोड़ और तेलंगाना में 4.4 करोड़ से 20.9 करोड़ खपत हो गई है।