



दांत की सड़न से बढ़ सकता है कैंसर का खतरा! एक्सपर्ट्स ने दी चेतावनी
कैविटी से शुरू होकर सिर और गर्दन के कैंसर तक पहुंच सकता है खतरा, जानिए कैसे बिगड़ती है स्थिति
दांतों की सड़न यानी कैविटी को अक्सर लोग मामूली समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो यही कैविटी धीरे-धीरे सिर और गर्दन के स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा नामक कैंसर का कारण बन सकती है। सीधा असर भले न हो, लेकिन दांतों की सड़न से जुड़ी सूजन, संक्रमण और खराब ओरल हाइजीन कैंसर का खतरा कई गुना बढ़ा सकती है।
क्रॉनिक सूजन –
कैविटी के कारण मुंह में लंबे समय तक पानी या टॉक्सिन जमा रहने पर क्रॉनिक सूजन होती है, जिससे साइटोकाइन रिलीज होता है और टिशू को नुकसान पहुंचता है। इससे सेल्स में बदलाव शुरू हो जाता है।
ओरल इन्फेक्शन –
दांतों में पाए जाने वाले खतरनाक बैक्टीरिया जैसे फ्यूसोबैक्टीरियम न्यूक्लियेटम और पोर्फिरोमोनस जिंजिवलिस शरीर में टॉक्सिन फैलाते हैं, जो कोशिकाओं को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
खराब ओरल हाइजीन –
मुँह की सफाई न रखने से तंबाकू और शराब जैसे कैंसरकारी तत्वों का असर और गहरा होता है। बिना ट्रीटमेंट की कैविटी सिर व गर्दन के कैंसर का कारण बन सकती है।
एचपीवी और ल्यूकोप्लाकिया का खतरा –
मुंह में लंबे समय तक संक्रमण रहने से ह्यूमन पैपिलोमावायरस (HPV) के संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाता है, जो गले के कैंसर से जुड़ा है। वहीं ल्यूकोप्लाकिया जैसे प्री-कैंसरस घाव भी विकसित हो सकते हैं।
पोषक तत्वों की कमी –
दांतों में दर्द के कारण भोजन में परेशानी होती है जिससे शरीर में एंटी-ऑक्सीडेंट्स की कमी हो सकती है और डीएनए मरम्मत की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है।
इसलिए अगर दांतों में कैविटी है, तो उसे हल्के में न लें। समय पर इलाज कराएं और ओरल हाइजीन का विशेष ध्यान रखें, ताकि भविष्य में किसी गंभीर बीमारी से बचा जा सके।