सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज से लेकर सफल कोच तक, द्रविड़ का सफर प्रेरणादायक
भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ‘दीवार’ के नाम से मशहूर राहुल द्रविड़ 11 जनवरी को अपना 52वां जन्मदिन मना रहे हैं। अपने शानदार करियर के दौरान द्रविड़ ने न केवल भारत के लिए अद्भुत पारियां खेलीं, बल्कि अपनी कोचिंग से भी टीम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
करियर की शुरुआत और सफलता का सफर
राहुल द्रविड़ ने अपने ODI करियर की शुरुआत श्रीलंका के खिलाफ विनोद कांबली की जगह लेकर की थी। इसके बाद उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और सचिन तेंदुलकर के साथ मिलकर भारतीय क्रिकेट को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया।
शानदार रिकॉर्ड्स के बादशाह
राहुल द्रविड़ ने 16 साल के अपने टेस्ट करियर में 31,258 गेंदों का सामना किया, जो किसी भी बल्लेबाज द्वारा खेली गई सबसे अधिक गेंदें हैं। उनके इस धैर्य और दृढ़ता ने उन्हें ‘दीवार’ का खिताब दिलाया।
इसके अलावा, उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 210 कैच पकड़े, जो किसी फील्डर द्वारा सबसे अधिक हैं। उन्होंने टेस्ट क्रिकेट में 44,151 मिनट क्रीज पर बिताए, जो अब तक का रिकॉर्ड है।
अद्वितीय साझेदारी के रिकॉर्ड
द्रविड़ ने अपने करियर में 88 बार शतकीय साझेदारी की और 6 बार 300+ रन की साझेदारी का कीर्तिमान बनाया। वनडे में भी उन्होंने दो बार 300 से अधिक रन की साझेदारी की, जो किसी भी बल्लेबाज के लिए सपना है।
कोचिंग में भी सफलता
संन्यास के बाद द्रविड़ ने भारतीय अंडर-19 टीम और सीनियर टीम को कोचिंग देकर अपनी विशेषज्ञता साबित की। उनकी कोचिंग में भारत ने टी20 विश्व कप सहित कई बड़ी उपलब्धियां हासिल कीं।
राहुल द्रविड़ का यह सफर हर क्रिकेट प्रेमी के लिए प्रेरणा है। उनकी विनम्रता और दृढ़ता ने उन्हें खेल का सच्चा दिग्गज बना दिया है।