बृजेश चतुर्वेदी(BNE)
कन्नौज। आयुर्वेद के प्रवर्तक भगवान धनवन्तरि की स्मृति में 29 अक्टूबर को नवम् आयुर्वेद दिवस’ आयोजित किये जाने का निर्णय लिया गया है। धनतेरस के अवसर पर “वैश्विक स्वास्थ्य के लिये आयुर्वेद नवाचार/आयुर्वेद इनोवेशन फॉर ग्लोबल हेल्थ ” थीम का चयन करते हुए आयोजन को अधिक लोकप्रिय बनाने के लिये अभियान चलाकर नवम् आयुर्वेद दिवस को सफल बनाया जाना है। यह बात अपर जिलाधिकारी (वित्त /राजस्व ) आशीष कुमार सिंह ने कलेक्ट्रेट गाँधी सभागार में आयुर्वेद दिवस मनाये जाने के संबंध में आयोजित बैठक के दौरान कही l उन्होंने कहा कि सरकार ने आयुर्वेद पद्धति को वैज्ञानिक दृष्टिकोण को बढ़ावा देने तथा जन आरोग्य को सुनिश्चित किये जाने के उद्देश्य से आम जन की स्वीकार्यता सुनिश्चित किये जाने हेतु जनसंदेश, जनभागीदारी एवं जन आंदोलन के माध्यम से विभिन्न कार्यक्रमों को आयोजित कर आयुर्वेद के प्रति जन चेतना जागृत किये जाने की अपेक्षा की है।
श्री सिंह ने कहा कि आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा नवम् आयुर्वेद दिवस’ के लिए एक वेबसाइट https://ayurvedaday.in/ विकसित की गई है। जिसमें आयुर्वेद दिवस से सम्बन्धित गतिविधियों को पोस्ट किया जायेगा। इस वेबसाइट पर ऊपर दायर्थी और “I support Ayurveda” icon बना है। जनपद के अधिकारी/कर्मचारीगण अपने परिचिर्तों एवं चिकित्सालय में आये रोगियों को आयुर्वेद के प्रति लगाव को प्रदर्शित करने के लिये इस icon को क्लिक करने हेतु प्रेरित करेंगे। इसके अतिरिक्त वेबसाइट, सोशल मीडिया और अस्पतालों/सार्वजनिक स्थानों के पंजीकरण काउण्टरों पर बैनर/स्टैंडी प्रदर्शित करके और ऐसे अन्य माध्यमों द्वारा इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाएंगे। उन्होंने कहा कि जनसामान्य एवं रोगियों को आयुर्वेद में नैदानिक अभ्यास निदान, औषधि एवं अत्पाद विकास, भौलिक अनुसंधान, नैदानिक अनुप्रयोग आदि सहित नवाचारों की जानकारी उपलब्ध कराया जाए। संगोष्ठी एवं व्याख्यान के माध्यम से आयुर्वेद सिद्धांती पर आधारित जीवनशैली को अपनाये जाने हेतु प्रेरित किया जाए। धीम पर आधारित सेल्फी प्वाइन्ट की स्थापना किया जाना। शपथ लिये जाने हेतु लोगों को प्रेरित किया जाए। प्रकृति परीक्षण अभियान के लिए जन जागरूकता कार्यक्रम जनसामान्य एवं रोगियों को हर्बल गार्डन का भ्रमण कराते हुये, सामान्य औषधीय पौधों का प्रदर्शन एवं उनक्व धरेलू रोगों में प्रयोग सम्बन्धी जानकारी उपलब्ध कराया जाए। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद की विशिष्ट चिकित्सा पद्धतिय जैसे पंचकर्म, स्नेहन, स्वेदन, अग्नि कर्म, मर्म चिकित्सा, जलौका उपचार विधि, क्षार सूत्र विधि इत्यादि का प्रदर्शन एवं जानकारी उपलब्ध कराना। धनवन्तरि जयन्ती के अवसर पर निम्नलिखित वाक्यांश का प्रचार किया जाए l सामान्य जन को आयुष विधाओं के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान करने और जागरुकता लाने के लिए जनपद के स्कूलों,कॉलेजो , वृद्धाश्रमों, नारी निकेतन आदि में आयुर्वेद चिकित्सा शिविरों का आयोजन किया जाए। जनपदों में स्थित स्कूलों और आयुष कॉलेजों के छात्र और कर्मचारियों के लिए जन जागरूकता व्याख्यान एवं संगोष्ठियों में महिला स्वास्थ्य पर जन जागरुकता, कार्यस्थल पर स्वास्थ्य हेतु जन जागरुकता, स्कूलों में स्वास्थ्य पर जन जागरुकता, आधुनिक जीवन शैली के द्वारा उत्पन्न होने वाले रोगों की रोकथाम में आयुर्वेद की भूमिका,मानसिक स्वास्थ्य में आयुर्वेद की भूमिका, पोषण में आयुर्वेद की भूमिका, वृद्धावस्था देखभाल में आयुर्वेद की भूमिका तथा आयुष्मान आरोग्य मन्दिरों के द्वारा जनसामान्य को औषधीय पौधों का वितरण एवं जानकारी उपलब्ध करायी जाए। आयुर्वेद दिवस 2024 की थीम पर आयुर्वेद कॉलेजों के छात्रों के बीच
स्लोगन प्रतियोगिता,पोस्टर प्रतियोगिता,लघु वीडियो फिल्म प्रतियोगिता,निबंध प्रतियोगिता, औषधीय पौधों से संबंधित प्रतियोगिता, वाद-विवाद और प्रश्नोतरी प्रतियोगिता,आयुर्वेद के लिए दौड़ (Run for Ayurved),सांस्कृतिक कार्यक्रम नुक्कड़ नाटक आदि आयोजित किए जायें।
इस मौके पर जिला विद्यालय निरीक्षक सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।