वार्ता में सहमति,निर्णय न लिए जाने पर प्रदेशव्यापी ज्ञापन आन्दोलन
लखनऊ (bne) । उत्तर प्रदेश रोड़वेज कर्मचारी संघ प्रबंध निदेशक की अध्यक्षता में द्विपक्षीय वार्ता में कर्मचारियों की समस्याओं के निराकरण के सम्बंध में बनी सहमति के बावजूद निर्णय न लिए जाने से नाराज है। संघ की उच्च स्तरीय बैठक प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह की अध्यक्षता में निर्णय लिया गया कि इसके विरोध में समस्त क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय एवं जिलाधिकारी पर जनजागरण के माध्यम से प्रदेश के मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री आदि को सम्बोधित ज्ञापन 21 अक्टूबर को सौपा जाएगा। राकेश सिंह ने निगम प्रबंधन से दीपावली से पूर्व कर्मचारियों के देयक,बोनस एवं पूर्व बकाए एरियर से 20 हजार रूपये का भुगतान किए जाने की मांग की है।
संघ के प्रदेश महामंत्री सत्यनारायण यादव ने बताया कि 21 अक्टूबर को समस्त क्षेत्रीय प्रबंधक कार्यालय एवं जिलाधिकारी कार्यालय के माध्यम से मुख्यमंत्री, परिवहन मंत्री को सम्बोधित ज्ञापन में 22 सूत्रीय मांगों के त्वरित निरस्तारण की मांग रखी गई है। उन्होंने बताया कि द्विपक्षीय वार्ता में कई पर सहमति भी बन चुकी है। ज्ञापन के माध्यम से मुख्य रूप से मृतक आश्रितो को तत्काल नियुक्ति, संविदा, आउटसोर्सिग कार्मिकों की नियमावली,ईएसआईसी के तह्त चिकित्सा सुविधा,राज्य कार्मिकों की भॉति 12 प्रतिशत महंगाई भत्ते का लाभ,बकाए एरियर का भुगतान, प्राईवेट की तरह निगम के वाहनों पर समानता, राज्य कार्मिकों की भॉति पॉच लाख तक कैशलेस चिकित्सा शामिल है। ज्ञापन,मागपत्र में समस्त संविदा कार्मिकों को सहमति के आधार पर महंगाई के अनुपात में वेतनवृद्वि, लगभग 150 करोड़ के लाभ अर्जित होने पर पात्र नियमित, संविदा, आउटसोर्सिग कार्मिकों को बोनस का भुगतान, संविदा कार्मिकों का नियमितिकरण, निगम द्वारा खरीदी गई 131 बसों का संचालन न होने पर निगम को वित्तीय हानि के जिम्मेदारों पर कार्रवाई, बस अड्डो के आधुनिकीकरण के नाम पर पीपीपी माडल समाप्त करने एवं मितव्ययता का पालन करने की मांग की गई है। संघ के प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने बताया कि अन्य शीर्ष मांगों में उत्तर प्रदेश रोडवेज कर्मचारी संघ सम्बद्ध भारतीय मजदूर संघ के पदाधिकारियों एंव सदस्यो का उत्पीड़न रोकने के साथ स्थानान्तरण नीति का दुरूपयोग कर संघ के पदाधिकारियों का स्थानान्तरण निरस्त करने की मांग की गई है।