DHARMENDRA SINGH /BREAKING NEWS EXPRESS
देश में औद्योगिक क्रांति के जनक कहे जाने वाले रतन टाटा के निधन की खबर आज सबसे ऊपर है। पूरा देश शोकाकुल है। रतन टाटा सर्व समाज के लिए एक आदर्श स्थापित कर सकने वाले असाधारण व्यक्तित्व के इंसान थे.उन्होंने पूरे जीवन काल में, अपने चेहरे पर दुःख का भाव प्रकट नहीं होने दिया। बुजुर्ग होने के समय में भी उनके चेहरे पर एक युवा व्यक्तित्व की झलक साफ दिखाई देती थी। बड़ी सख्सियत होते हुए ही एक साधारण इंसान की तरह जीना, उनकी सरलता और सादगी दर्शाता है। सबसे बड़ी बात ये है, कि उन पर पूरे जीवन भर छोटे- मोटे किस्सों को अगर हटा दें ,तो वह पूर्ण रूप से निर्विवाद रहे। अपयश से कोसों दूर रहे ,इसीलिए देश के हर सख्स के अंदर उनके प्रति आदर- सम्मान का भाव देखने को मिलता है।
आज के इस दौर में ,जहाँ देश के लगभग सभी बड़े उद्योगपतियों पर भ्रष्टाचार के कई गंभीर आरोप लग चुके है. या लगें हुए है ,तो वही, रतन टाटा पर उनके जीवन काल में कोई आरोप नहीं लगा है। उनकी किसी भी राजनैतिक दल से न तो दोस्ती थी और न ही दुश्मनी।आज के उद्योगपति सरकार के सरंक्षण से देश की जनता को लूटने में लगे है, तो वहीँ ,रतन टाटा ने आम जनता के लिए “मारुती 800” से लेकर “नेनो “कार तक बाजार में उतारी ताकि, एक आम आदमी भी चार पहिया गाडी में घूम सकें ,और अपने सपनो को उड़ान दे सके। ऐसे थे हमारे रतन टाटा जी।
रतन टाटा अविवाहित थे ,लेकिन उन्होंने कभी अविवाहित होने का रोना नहीं रोया, और न ही उनके औद्योगिक गतिविधियों में अविवाहित होना रोणा बना। उन्होंने एक कहावत को भी एक तरह से नकार दिया ,कि हर एक सफल इंसान के पीछे एक महिला का हाथ होता है। वह राजनीति के अटल विहारी वाजपेयी थे, जिन्होंने अपनी शिक्षा के बारे में कभी राग नहीं अलापा और न ही अविवाहित होने के बारे में .,उनके राजनैतिक जीवन में ये कभी भी अवरोधक नहीं बना। सबके प्रिय थे अटल विहारी वाजपेयी ,वैसे ही सरल निर्विवाद रहे रतन टाटा जी।
राजनैतिक क्षत्र में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से भी हम रतन टाटा की तुलना कुछ मामलों में कर सकते है। रतन टाटा अपने एक खास ड्रेस कोड से पहचाने गए .एक खास सूट और टाई से. अपने काम में व्यस्त रहने वाले रतन टाटा भी मनमोहन सिंह की तरह दूरगामी दृष्टि ,और अर्थव्यवस्था की रीढ़ को समझने वाले व्यक्तित्व थे ,जिन्होंने टाटा नमक से लेकर हाथ की कलाई में सजने वाली घडी को एक आम इंसान से जोड़ा।
ईश्वर ने उनकी खूबसूरती में चार चाँद लगाए थे . वो उद्योगपतियों के लाइन में अग्रिम पंक्ति में शुमार थे , वह अगर फिल्म लाइन में होते, तो शायद वहां पर भी सबसे आगे वाली लाइन में खड़े दिखाई देते। इतनी मनमोहक सुन्दर काया के मालिक थे रतन टाटा। कहने का तात्पर्य ,उनके जीवन जीने का हर दृष्टिकोण एक आम इंसान के लिए आदर्श बन सकता है। अधिकांश लोग नहीं जानते होंगे ,कि रतन टाटा जी पारसी थे ,लेकिन उन्होंने पारसी होने का कभी भी डंका नहीं पीटा। इसके बावजूद भी देश के हर बच्चे को रतन टाटा के बारे में जानकारी है ,प्यार है, आदर है सम्मान है। ये उनके पारसी होने के कारण नहीं, बल्कि उनके चमकते व्यक्तित्व ,सरल जीवन ,सादा जीवन उच्च विचार की जीवनशैली की वजह से मुमकिन हो पाया है। पूरे समाज के साथ- साथ राजनैतिक और उद्योग समाज के लोगों को रतन टाटा से बहुत कुछ सीखने के लिए है। उन्होंने राजनैतिक क्षेत्र में कुर्सी से चिपके रहने वाली लालसा को तिलांजलि देकर सिर्फ टाटा समूह के मानद अध्यक्ष के रूप में जिम्मेदारी सम्हाली ,जो आज के दौर के राजनैतिक लोगों के लिए उनकी सोच आदर्श स्थापित कर सकती है.एक खास और विशेष बात ये है कि वह जन्मे ही थे रतन लेकर ,जो कई आभूषणों, रत्नो के ऊपर थे ,लेकिन हमारी सरकारों ने उन्हें भारत रत्न देने के बारे में सोचा भी नहीं। उनकी अंतिम विदाई पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि.(DHARMENDRA SINGH )