(BNE DESK)।आज की भागम -भाग तनावग्रस्त जिंदगी में भारत की अधिकांश जनसँख्या नींद के साथ समझौता कर तमाम तरह की शारीरिक और मानसिक समस्यायों को निमंत्रण दे रहे है। हालाँकि भरपूर नींद सभी लेना चाहते है लेकिन काम की व्यस्तता और तमाम घरेलू झंझावातों की वजह से पूरी नींद ले पाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है। कई रिसर्च से सामने आया है कि भरपूर नींद न लेने वाले लोग मानसिक ,शारीरिक स्वास्थय समस्यायों से घिर रहे है, जिसकी वजह से उनकी प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ रहा है और उनकी याददास्त भी कमजोर हो रही है। सारे दिन चिड़चिड़ापन महसूस होने पर अपने काम पर भी फोकस नहीं कर पाते है. यही नहीं , इसके अलावा, नींद की कमी से हार्ट अटैक, मधुमेह और मोटापे जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि आप स्कूल या कॉलेज में पढ़ाते हैं, तो अच्छी नींद लेना अत्यंत आवश्यक है। नींद की कमी से एकाग्रता में कमी आती है, जिससे शिक्षण क्षमता भी प्रभावित होती है। इसके अलावा, बच्चों और युवाओं के लिए नींद की कमी से उनके विकास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है। इस समस्या से निपटने के लिए कुछ आसान उपाय किए जा सकते हैं।
सबसे पहले, रात को सोने का एक निश्चित समय तय करें। उदाहरण के लिए, यदि आप रात 10 बजे सोते हैं, तो सुबह 6 बजे तक बिस्तर छोड़ें। लगभग 8 घंटे की नींद लेना जरूरी है। इसके अलावा, सोने से एक घंटे पहले सभी इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों का उपयोग बंद कर दें, क्योंकि ये नींद में बाधा डाल सकते हैं। बिस्तर साफ और स्वच्छ होना चाहिए। एक साफ-सुथरा वातावरण नींद को बेहतर बनाता है। ध्यान और योग भी अच्छी नींद के लिए सहायक होते हैं। इसके अलावा, रात को हल्का भोजन लें और खाने के बाद थोड़ा टहलें। ये उपाय न केवल नींद की गुणवत्ता को बढ़ाएंगे, बल्कि आपके मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाएंगे।