लखनऊ से तौसीफ़ क़ुरैशी राज्य मुख्यालय लखनऊ।CAA , NRC और NPR के विरोध में देश के अधिकांश हिस्सों में जनता आंदोलनरत है।अंग्रेजों से आज़ादी की लड़ाई लड़ते हुए आज की नस्लों ने नहीं देखा था सिर्फ़ सुना था कि किस प्रकार अंग्रेजों को भारत की जनता ने भगाया था लेकिन आज के इस आंदोलन ने वह भी दिखा दिया है कि वह आंदोलन किस तरह का होगा क्या-क्या क़ुर्बानियाँ दी होगी अंग्रेजों से लड़ाई में आज़ादी के मतवालों को हिन्दू मुसलमान, दलित, सिख व ईसाई आदि की बे फजूल की बातों का शायद ही सामना करना पड़ता होगा और अगर करना भी पड़ता होगा तो हम सिर्फ़ अहसास ही कर सकते हैं कि कितनी दुस्वारिया पैदा होती होंगी क्योंकि आज हम देख सकते हैं कि अंग्रेजों की हिमायत करने वाली सोच आज हुकूमत में है और वह वहीं हथकंडे अपना रही हैं जैसे हिन्दू मुसलमान पाकिस्तान आतंकवाद जैसे मुद्दे उछाल देती हैं जिसके बाद जनता उसमें उलझ जाती हैं और देश के संवेदनशील मुद्दों पर चर्चा से उनका ध्यान हटा दिया जाता है।आज देश बहुत ही ख़राब दौर से गुजर रहा है जैसे अर्थव्यवस्था , रोज़गार शिक्षा , किसी भी विषय पर हम बात कर ले हर विषय पर मोदी की सरकार फेल है और वह उस पर बात करने को तैयार नहीं है बल्कि उनको रोड मैप देने वाले संगठन RSS के चीफ़ मोहन भागवत कहते हैं कि इन विषयों पर चर्चा ही नहीं करनी चाहिए अब क्या कहा जा सकता है जब उनके आँका ही उस चीज़ को ग़लत मानते हैं तो वह उस पर चर्चा क्यों कराएँगे और क्यों करेंगे यें तो हमें ही करनी होगी कि देश कहाँ था और कहाँ चला गया विकास दर लगातार गिरती जा रही है और हम हिन्दू मुसलमान में खुश हो रहे हैं।देश के छात्र-छात्राओं ने अब यह बीड़ा उठाया है और वह सड़क पर उतर आए हैं वे फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की नज़्म पढ़ रहे हैं हम देखेंगे, संविधान की प्रस्तावना पढ़ रहे हर वो शख़्स जो संयुक्त भारत को साथ लेकर चलना चाहते हैं इसे देखकर बहुत ख़ुशी महसूस कर रहा है जब देश के छात्र विश्वविद्यालयों , महाविद्यालयों और कॉलेजों में संविधान की प्रस्तावना पढ़ रहे हैं ये छात्र देश का भविष्य है नब्बे फ़ीसदी से अधिक नंबर लाने ही भविष्य के भारत की कल्पना कर सकते हैं जो छात्र इस आंदोलन को लेकर चल रहे हैं यही वह छात्र है जो आईएएस,आईपीएस , प्रबंधन व इंजीनियर आदि बनने कीं कुवत रखते हैं और इन्हीं में से कुछ छात्र होंगे जो कल देश पर राज करेंगे जो संविधान को हाथ में लेकर सड़क पर उतर चुके हैं इसका नेतृत्व छात्र छात्राओं के हाथ में है।सरकार हैरान और परेशान हैं कि ये हो क्या रहा है न वह हिन्दू मुसलमान कर पा रही हैं और न ही इस आंदोलन को कमज़ोर कर पा रही हैं क्योंकि