नई दिल्ली : देश का आम बजट 2020 पेश होने में अब कुछ ही दिन बचे हैं। सभी को बजट से काफी उम्मीद है। छात्रों, युवाओं और व्यापारियों की नजर सरकार पर टिकी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हलवा रस्म के साथ इसकी शुरुआत कर दी है। मोदी सरकार 1 फरवरी को बजट पेश करेगी। भारत में बजट पेश करने का इतिहास 150 साल से अधिक पुराना है। इतने वर्षों में बजट पेश करने के तौर-तरीके में कई बदलाव हुए हैं। आइए इन 10 बिंदुओं से जानते हैं बजट का इतिहास 1. बजट शब्द की उत्पत्ति बजट शब्द की उत्पत्ति हुई कहां से है। यह सवाल सबके मन में होता है। दरअसल बजट शब्द लैटिन शब्द बुल्गा से लिया गया है। बुल्गा का अर्थ है चमड़े का थैला। इसी से बाद में फ्रांसीसी शब्द बोऊगेट बना। इसके बाद अस्तित्व में आया अंग्रेजी शब्द बोगेट या बोजेट, फिर यही शब्द बजट बना। जिसे अब प्रयोग किया जा रहा है। 2. बजट की शुरुआत भारत में बजट की शुरुआत साल सात अप्रैल 1860 में हुई। ईस्ट इंडिया कंपनी ने साल 1860 में पहला बजट पेश किया। जिसे जेम्स विल्सन ने पेश किया था। उन्हें भारतीय बजट का संस्थापक भी कहा जाता है। भारत में 1 अप्रैल से 31 मार्च तक चलने वाला वित्तीय वर्ष 1867 से शुरू हुआ था। 3. आजाद भारत का पहला बजट साल 1947 में अंग्रेजों से आजादी मिलने के बाद स्वतंत्र भारत का पहला बजट वित्तमंत्री आरके षणमुखम शेट्टी (चेट्‍टी) ने 26 नवंबर 1947 को पेश किया था, जबकि गणतंत्र भारत का पहला बजट 28 फरवरी 1950 को जॉन मथाई ने पेश किया था। 4. सबसे अधिक बजट पेश करने वाले वित्त मंत्री मोरारजी देसाई ने सर्वाधिक 10 बार देश का बजट पेश किया। दूसरे नंबर पर पी. चिदंबरम हैं, जिन्हें 8 बार यह अवसर मिला। इसके बाद प्रणब मुखर्जी, यशवंत सिन्हा, वाईबी चव्हाण और सीडी देशमुख ने 7-7 बार संसद में देश का बजट पेश किया। 5. बजट की गोपनीयता बजट की गोपनीयता को बनाए रखने के लिए बजट प्रक्रिया में शामिल अधिकारियों को बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के दफ्तर ‘नॉर्थ ब्लॉक' में ही रहना होता है। बजट बनाने की प्रक्रिया के दौरान उन्हें अपने परिजनों तक से बातचीत करने अथवा मिलने की अनुमति नहीं होती है। इतना ही नहीं बजट दस्तावेजों को छापने का काम भी नॉर्थ ब्लॉक में बने छापेखाने में ही किया जाता है। 6. प्रधानमंत्री ने पेश किया था बजट 1958-59 में देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बजट पेश किया, उस समय वित्त मंत्रालय उनके पास था। नेहरू के बाद उनकी बेटी इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने भी प्रधानमंत्री रहते हुए बजट पेश किया। 7. समय में बदलाव साल 2000 तक केंद्रीय बजट की घोषणा शाम 5 बजे की जाती थी। यह अंग्रेजों के समय से चली आ रही परंपरा थी। इंग्लैंड के समय के अनुसार बजट पेश किया जाता था, जो कि भारत में शाम 5 बजे होता था। इस परंपरा को अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार ने खत्म किया। यशवंत सिन्हा ने 2001 में 11 बजे दिन में बजट की घोषणा कर नई परंपरा शुरू की। 8. रेल बजट का विलय पहले रेल बजट और आम बजट अलग-अलग पेश किया जाता था। मोदी सरकार ने 2017 में इस परंपरा को खत्म करते हुए रेल बजट को आम बजट में मिला दिया गया। इससे पहले 92 सालों तक दोनों बजट अलग-अलग पेश किए गए। 9. बजट से पहले हलवा रस्म बजट छपने के लिए भेजे जाने से पहले वित्त मंत्रालय में हलवा खाने की रस्म निभाई जाती है। इस रस्म के बाद बजट पेश होने तक वित्त मंत्रालय के संबधित अधिकारी किसी के संपर्क में नहीं रहते परिवार से दूर उन्हें वित्त मंत्रालय में ही रुकना पड़ता है। 10. पहली महिला पूर्णकालिक वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण केंद्रीय बजट पेश करने वाली पहली महिला वित्त मंत्री है। उनसे पहले इंदिरा गांधी ने 1970-71 में बजट पेश किया था। उस समय वह देश की प्रधानमंत्री थी और वित्त मंत्रालय का प्रभार भी संभाला था।