नई दिल्ली : बृहस्पतिवार को अपने प्रत्यर्पण पर ब्रिटिश हाईकोर्ट के फैसला सुरक्षित करते ही शराब कारोबारी विजय माल्या ने गिड़गिड़ा पड़ा। उसने भारतीय बैंकों से एक बार फिर पैसा वापस लेने की अपील की। शराब किंग के नाम से मशहूर रहे माल्या ने बैंकों से कहा, प्लीज, अपना 100 फीसदी मूलधन वापस ले लो। किंगफिशर एयरलाइंस के 64 साल के पूर्व मालिक, भारत में धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में वांछित है। उसका कहना है कि प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई, दोनों ही उसकी संपत्तियों को लेकर लड़ रही हैं और इस प्रक्रिया में उसके साथ उचित व्यवहार नहीं किया जा रहा है। माल्या ने कहा, बैंकों की इस शिकायत पर कि मैं भुगतान नहीं कर रहा हूं, ईडी ने मेरी संपत्तियां जब्त कर लीं। मैंने पीएमएलए (मनी लान्ड्रिंग निरोधक कानून) के तहत ऐसा कोई अपराध नहीं किया है जिससे ईडी मेरी संपत्तियां जब्त कर पाए। माल्या से जब भारत लौटने के बारे में पूछा गया तो उसने कहा, मुझे वहीं होना चाहिए, जहां मेरा परिवार है, जहां मेरे हित हैं। यदि सीबीआई और ईडी तर्कसंगत होते तो यह एक अलग कहानी होती। पिछले चार साल से वे लोग जो भी मेरे साथ कर रहे हैं, वह पूरी तरह गलत है। जस्टिस स्टीफन इरविन और जस्टिस एलिजाबेथ लेइंग की बेंच के सामने ब्रिटिश सरकार के एडवोकेट मार्क समर्स ने कहा, प्रत्यर्पण समझौते के अनुसार माल्या को भारत को सौंपने के लिए 32,000 पेज के सुबूत पेश किए गए हैं। ये सारी कहानी खुद बयां कर रहे हैं। काफी लंबी सुनवाई में लोवर कोर्ट ने इन्हें सही माना है, इसलिए देर न करते हुए माल्या को भारत प्रत्यर्पित किया जाए जिससे उसके खिलाफ दर्ज मामलों की प्रक्रिया आगे बढ़ सके। जबकि माल्या की किंगफिशर एयरलाइंस के विफल होने के लिए उसकी अधिवक्ता क्लेयर मॉन्टगुमरी ने भारत सरकार की नीतियों को जिम्मेदार बताया। कहा कि भारत की जेट एयरवेज भी इसी कारण में मुश्किलों में फंसी है। माल्या ने अपनी एयरलाइंस के लिए कर्ज लिया था, वह उचित तरीके से उसे वापस लौटाने के लिए तैयार हैं।